खुली सड़क पर निकल जाता हूँ !
जब भी रात में अकेला होता हूँ ,खुली सड़क पर निकल जाता हूँ !दिल और दिमाग के सारे दर्द बयां कर देता हूँ !!खुली सड़क के भी दर्द होते है ,उन्हें हवा की सरसराहट से सुन लेता हूँ !यूँही रात को खुली सड़क पर निकल जाता हूँ !!खुली सड़क भी दिलासा देती है ,उन्हें हवा की सरसराहट से सुन लेता हूँ !यूँही रात को खुली स