"ऐ जिंदगी"
हार माननी कभी सीखी न थी हमने
पर आज जाना हार में भी एक मज़ा है
महफ़िल में पहचाने जाना एक कला है
पर कभी खो जाने में अपना मजा है
भावनाओं को शब्द देना कविता है पर
ख़ामोशी सब कहे तो कितना मज़ा है
ये शब्द कविता हैं या शेर नहीं जानती
ये आपकी इनायत हैं बस इतना पता है