"कॉलेज की चटपटी यादें"
ज़िन्दगी की तमाम परेशानियाँ हैं
शूल सी
कॉलेज की चटपटी यादें हैं
फूल सी
दौड़ती ज़िन्दगी ने हमें अपनों से
पल पल तोड़ा
समेटकर बिखरी यादों को आज
यह मन्जर है जोड़ा
अब सम्भव नहीं साथ साथ
घण्टों वक्त बितायें
क्यों न आज की मुलाकात से
खुद को तरोताज़ा बनायें।