बिहार राज्य के बेगुसराय जिले में जन्में रामदेव राय की जीवनी
यात्रा कहने को दो अक्षरों का शब्द जो व्यक्ति को बहुत सारे अनुभवो से रुबरु करवाता है बचपन से लेकर बुढ़ापे तक कि यात्रा, जन्म से लेकर मृत्यु तक कि यात्रा ,हम सब यात्री है ओर ये धरा ऐसी असंख्य कहानियों की साक्षी है लेकिन ये कहानी अपने आप में अनोखी
यह पुस्तक बहुत ही शानदार और अच्छी है
हम सभी को इतिहास से मालूम चलता हैं। टाइटैनिक पनडुब्बी का सहयोग इंटरनेट से जानकारी विशेष रूपसे आप सभी पाठकों के साथ हैं।
क्यों रूठा है तेरा भी दिन आएगा वह खुदा आखिर कब तक तुझे आजमाएगा झोंक दे अपनी जान लक्ष्य को पाने में फिर देखना वह आसमान भी एक दिन तेरे पैरों में झुक जाएगा। मेरे प्यारे दोस्तों!! हाजिर हूं मैं! फिर से आप सबके सामने। अपनी एक नई रचना लेकर। मेरी इस र
तमन्ना का नाम तमन्ना उसकी माँ ने प्यार से रखा होगा या फिर उन्हे ये लगता था ,की तमन्ना नाम रखने से उनकी बेटी की हर तमन्ना पुरी हो जायेगी ये सोंच कर ये नाम रखा था ।तमन्ना बहुत छोटी थी जब उसकी माँ का देहांत उनकी बीमारी की वजह से हो गई थी । तमन्ना उस ब
होटल चलाने लगती है होटल से कमाई होने लगती है। अब सुनीता और अनीता होटल में 2-4 नौकर भी रख लेती है। उनका जीवन खूब शान से व्यतीत होने लगता है और वह गांव की सब भूली बिसरी यादें भूल जाती हैं अब शहर उनको रास आ जाता हैं।
कौतूहल एक मुश्किल तलाश दास्तान है दिल्ली में रहने वाले दो भाइयों की, जिनमे से छोटे भाई की हत्या कर दी जाती हैं l और फिर कातिल की तलाश में इस कहानी का सृजन होता है, जो कि जोरदार सस्पेंश, एक्शन, थ्रिलर और रोमांच से भरपूर है।
पूरा शहर एकदम सुनसान था , सभी लोग अपने अपने घरों में छिपकर बैठे थे जिसके पीछे थी एक खौफनाक वजह......
हमारी जिंदगी में हम कुछ ऐसे फैसले कर लेते हे जिसकी भरपाई हमे उमर भर करनी पड़ती हे। और उसके ही बीच दब के रहा जाति हे हमारी उम्मीद।