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सुविचार (भाग 4 )

12 मई 2022

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“जो लोगो पर कठोर से कठोर सजा को लागू करता है। वो लोगो की नजर में घिनौना बनता जाता है, जबकि नरम सजा लागू करता है। वह तुच्छ बनता है। लेकिन जो योग्य सजा को लागू करता है वह सम्माननीय कहलाता है।


जिस प्रकार एक सूखे पेड़ को यदि आग लगा दी जाये तो वह पूरा जंगल जला देता है। उसी प्रकार एक पापी पुत्र पुरे परिवार बर्बाद कर देता है।

आचार्य चाणक्य

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रचनाएँ
चाणक्य के प्रेरणात्मक सुविचार
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चाणक्य (अनुमानतः 376 ई॰पु॰ - 283 ई॰पु॰) चन्द्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे। वे कौटिल्य या विष्णुगुप्त नाम से भी विख्यात हैं। विष्णुगुप्त कूटनीति, अर्थनीति, राजनीति के महाविद्वान ,और अपने महाज्ञान का 'कुटिल' 'सदुपयोग ,जनकल्याण तथा अखंड भारत के निर्माण जैसे सृजनात्मक कार्यो में करने के कारण वह; कौटिल्य' 'कहलाये। वास्तव में आचार्य विष्णुगुप्त जन्म से वैश्य कर्मो से सच्चे ब्राह्मण और उत्पत्ति से क्षत्रिय और सम्राट चन्द्रगुप्त के गुरु ,तथा अपने माता-पिता के प्रथम संतान थे। इसकी विलक्षण विद्वत्ता जो सूर्य के प्रकाश के सामान सम्पूर्ण जम्बू द्वीप को आलोकित करेंगी वे तक्षशिला विश्वविद्यालय के आचार्य थे , उन्होंने मुख्यत: भील और किरात राजकुमारों को प्रशिक्षण दिया उन्होंने नंदवंश का नाश करके चन्द्रगुप्त मौर्य को अजापाल से प्रजापाल (राजा) बनाया। उनके द्वारा रचित अर्थशास्त्र नामक ग्रन्थ राजनीति, अर्थनीति, कृषि, समाजनीति आदि का महान ग्रंन्थ है। अर्थशास्त्र मौर्यकालीन भारतीय समाज का दर्पण माना जाता है।
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सुविचार (भाग 1)

12 मई 2022
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जब कोई सजा थोड़े मुआवजे के साथ दी जाती है,  तब वह लोगो को नेकी करने के लिए निष्टावान एवम  पैसे और ख़ुशी कमाने के लिए प्रेरित करती है। आचार्य चाणक्य 

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सुविचार (भाग 2)

12 मई 2022
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“भाग्य उनका साथ देता है, जो हर संकट का सामना करके भी अपना लक्ष्य के प्रति दृढ़ रहते हैं। भगवान मूर्तियों में नहीं है, आपकी अनुभूति ही आपका इश्वर है और आपकी आत्मा ही आपका मंदिर है। आचार्य चाणक्य 

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सुविचार (भाग 3)

12 मई 2022
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“सिंह से सीखो – जो भी करना जोरदार तरीके से करना और दिल लगाकर करना। इस बात को कभी व्यक्त मत होने दीजिये की आपने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए

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सुविचार (भाग 4 )

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“जो लोगो पर कठोर से कठोर सजा को लागू करता है। वो लोगो की नजर में घिनौना बनता जाता है, जबकि नरम सजा लागू करता है। वह तुच्छ बनता है। लेकिन जो योग्य सजा को लागू करता है वह सम्माननीय कहलाता है। जिस प्र

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सुविचार (भाग 5)

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“बुद्धिमान व्यक्ति का कोई भी शत्रु नहीं होता। वह जो भलाई को लोगो के दिलो में सभी के लिए विकसित करता चला जाता है। वह आसानी से अपने लक्ष्य प्राप्ति के एक-एक कदम आगे बढ़ता चला जाता है। आचार्य चाणक्य

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सुविचार (भाग 6)

12 मई 2022
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“आलसी मनुष्य का वर्तमान या भविष्य नहीं होता। उदारता, प्रेमदायक भाषण, हिम्मत और अच्छा चरित्र कभी प्राप्त नहीं किया जा सकता, ये सारे जन्मजात गुण ही होते है। आचार्य चाणक्य

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सुविचार (भाग 7)

12 मई 2022
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“सभी प्रकार के भय में से बदनामी का भय सबसे बड़ा होता हैं। किसने यह सिद्ध किया की सारी ख़ुशी ही इच्छा है? सब कुछ उस भगवान के हातो में है। इसीलिए हम में से हर एक को जो है उसी में संतुष्ट होना चाहिये।

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सुविचार (भाग 8)

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“दुसरो की गलतियों से सीखो, अपने ही अनुभव से सीखने को तुम्हारी आयु कम पड़ जाएँगी। इस धरती पर तीन रत्न है, अनाज, पानी और मीठे शब्द – मुर्ख लोग पत्थरो के टुकडो को ही रत्न समझते है। “वह जो अपने समाज को छ

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सुविचार (भाग 9)

12 मई 2022
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“हर एक दोस्ती के पीछे अपना खुदका का स्वार्थ छिपा होता है। स्वार्थ के बिना कभी कोई दोस्ती नहीं होती। ये एक कटु सत्य है।  आचार्य चाणक्य

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सुविचार (भाग 10)

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“मूर्खों से तारीफ सुनने से बुद्धिमान से डाट सुनना ज्यादा बेहतर हे। जब तक आपका शरीर स्वस्थ रहेंगा तब तक मृत्यु आपके वश में होंगी। लेकिन फिर भी आप आत्मा को बचाने की कोशिश कीजिये, क्योकि जब मृत्यु पास ह

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सुविचार (भाग 11)

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“व्यक्ति अपने गुणों से ऊपर उठता हैं, उच्ये स्थान पर बैठने से नहीं। दुनिया की सबसे बड़ी ताकत युवाशक्ति और महिला की सुंदरता है। “संतुलित दिमाग के बराबर कोई स्टारफिश नहीं और संतोष के सामान दूसरी कोई ख़ुश

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सुविचार (भाग 12)

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“इतिहास गवाह हैं की, जितना नुकसान हमें दुर्जनो की दुर्जनता से नहीं हुआ, उससे ज्यादा सज्जनों की निष्क्रियता से हुआ। शिक्षा इंसान का सबसे अच्छा दोस्त है। एक शिक्षित इंसान हर जगह सम्मान पाता है। शिक्षा

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सुविचार (भाग 13)

12 मई 2022
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“जैसे ही भय आपके करीब आये, उसपर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दीजिये। जमा पूंजी ये होने वाले खर्चो में से ही बचायी जाती है वैसे ही जैसे आनेवाल ताजा पानी, निष्क्रिय पानी को बहाकर बचाया जाता है। “भले ही साप ज

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सुविचार (भाग 14)

12 मई 2022
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“नौकर को बाहर भेजने पर, भाई बंधू को संकट के समय, दोस्तों को विपत्ति में और अपनी स्त्री को धन का नष्ट हो जाने पर ही परखा जा सकता हैं। हंस वही रहते है जहा पानी हो, और वो जगह छोड़ देते है जहा पानी खत्म ह

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सुविचार (भाग 15)

12 मई 2022
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“कोई भी व्यक्ति अपने कार्यो से महान होता है, अपने जन्म से नहीं। उन लोगो से कभी दोस्ती ना करे जो आपके स्तर से बहुत निचे या बहोत उपर हो, इस तरह की दोस्ती आपको कभी ख़ुशी नहीं दे सकती। “एक बार यदि आपने क

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सुविचार (भाग 16)

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“जो समय बीत गया, उसे याद कर पछताना बेकार है अगर कोई गलती हुई भी है तो उससे सबक लेकर वर्तमान को श्रेष्ठ बनाने का प्रयास करना चाहिए।” आचार्य चाणक्य

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चाणक्य के अनमोल विचार

12 मई 2022
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1). मित्रता बराबरीवालों से करना ठीक रहता है. सरकारी नोकरी सर्वोत्तम होती है और अच्छे व्यापार के लिए व्यवहार-कुशल होना आवश्यक है| इसी तरह सुंदर व सुशील स्त्री घर में ही शोभा देती है. 2). बुरे चरित्रवा

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लोगों से उम्मीद

12 मई 2022
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आधे दुखः गलत लोगों से उम्मीद रखने से होते हैं, और बाकी आधे सच्चे लोगों पर शक करने से होते हैं !!

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दिल से उतर ही जाता है.

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मुश्किल में साथ छोड़ देने वाला चाहे कितना भी अपना क्यों न हो, दिल से उतर ही जाता है!!

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अहंकार किसके लिए

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जीत किसके लिए, हार किसके लिए, ज़िंदगी भर ये तकरार किसके लिए, जो भी आया है वो जायेगा एक दिन, फिर ये इतना अहंकार किसके लिए। आचार्य चाणक्य  

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