तथागत बुद्ध का जन्म आज से ढाई हजार वर्ष पूर्व लिंबनी वन में हुआ था ,,बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था,सिद्धार्थ को जब ज्ञान की प्राप्ति हुई तब वे बुद्ध कहलाए, तथागत बुद्ध ने बहुजन हिताय बहुजन सुखाय का नारा दिया था ,जिसका मतलब था ,,जो पीड़ित लोग है वे मेरे पास आए अर्थात हम कह सकते है की तथागत बुद्ध का बहुजन हिताय बहुजन सुखाय का नारा पीड़ा पर आधारित था तथा बुद्ध के पास वे लोग आए तो पीड़ित थे,,मगर आज के परिवेश में बुद्ध की इस विचारधारा को कुछ लोगो ने एक जाति व्यवस्था के नाम पर नाम दिया की sc st OBC mainarti के लोग ही बहुजन है बाकी सब सर्वजन है ,,,यह बुद्ध की विचारधारा नहीं है,,यह आज के जातिवादी नेताओ की विचारधारा है ,तथा बुद्ध की इस विचारधारा को गलत तरीके से समाज में पेश कर जातिवाद का जहर बोने का कार्य किया जा रहा है,,,बुद्ध ने कभी किसी जाति की बात नही कही ,सबको समानता की बात कही ,,,आज बुद्ध के नाम संगठन चलाने वाले को इस बात को समझना जरूरी हो गया है,,,,