जिंदगी एक जंग है
यह खतरों की सुरंग है
पर देखकर हौसलों को तेरे
मुश्किलें भी दंग है।
यह सफर काटों का तरंग है
करले पार उसका भी क्या रंग है!
इस निर्मेय पथ पर बस
तू ही तेरे संग है।
जो कहें राहें तेरा क्या ढंग है
यहाँ कौन तेरे संग है
कह दे मुस्कुरा कर तू भी
तू ही तेरे संग है।
मत हार यह बड़ी जंग है
जीत ले उस पार खड़ी उमंग है
सर झुका लें मुश्किलें भी अगर
तू ही तेरे संग ,तू ही तेरे संग है।
लेखक:- कुमार संदीप