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तुम

17 मार्च 2020

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मैं अब भी तुम्हारे बारे मे लिखती हूँ

हाँ, मैं अब भी तुम्हारे बारे मे लिखती हूँ।

एक अरसे से साथ हैं हम, और इस साथ के बारे मे लिखती हूँ। मैं अब भी तुम्हारे बारे मे लिखती हूँ।

जानती हूँ कभी कहोगे नहीं तुम, पर

ये बात बहुत खुशी देती है तुम्हे, कि

मैं अब भी तुम्हारे बारे मे लिखती हूँ।

वो अहसास जो कुछ 18 साल पहले हुआ था,

वो अहसास आज भी मुकम्मिल है,

आज भी तुम्हारी आँखे, मेरे होंठो पे वही मुस्कान ले आतीं हैं।

वो तुम्हारा धीरे से मुस्कुराना, आज भी

मेरी आँखो में मुहब्बत भर देता है, और

ये बात इतनी खूबसूरत है, कि

मैं इस बात को लिखती हूँ,

मैं अब भी तुम्हारे बारे मे लिखती हूँ।

बात करने का अंदाज़ तुम्हारा,

आज भी वैसा ही है, और उस अंदाज़ पर

मेरा दिल बेकरार वैसा ही है,

एक दूसरे से बिल्कुलअलग से हम, आज भी

लेकिन एक जैसे ही हैं,

हाँ हम अलग हैं, पर बिल्कुल एक जैसे हैं

इस रिश्ते की, मजबूती को लिखती हूँ,

मैं अब भी तुम्हारे बारे मे लिखती हूँ।



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रचनाएँ
avykt
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मन में निरंतर कुछ न कुछ विचार आते जाते रहते हैं, जिन्हे हम कभी व्यक्त कर पाते हैं और कभी नहीं | कभी यूँ भी होता है कि हम कह तो देते हैं पर आपके उन विचारों को,उन भावनाओं को कोई समझ नहीं पाता और एक तीस मन को दर्द देती रहती है, ये पेज बनाने का उद्देश्य अपने विचारो को अपनी भावनाओ को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कभी किसी लेख कभी किसी कविता के माध्यम से बाँटना है |
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मेरी ख़ामोशी की आवाज़, मुस्कराहट का अंदाज़, बंद पलकों का ख्वाब, और हर ख़ुशी का राज़, हो तुम एक सपने सा है साथ तुम्हारा, एक हकीकत है प्यार तुम्हारा ,होठो पे हंसी, आँखों में नमी है

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मैं अब भी तुम्हारे बारे मे लिखती हूँहाँ, मैं अब भी तुम्हारे बारे मे लिखती हूँ। एक अरसे से साथ हैं हम, और इस साथ के बारे मे लिखती हूँ। मैं अब भी तुम्हारे बारे मे लिखती हूँ। जानती हूँ कभी कहोगे नहीं तुम, परये बात बहुत खुशी देती है तुम्हे, किमैं अब भी तुम्हारे बारे मे लिखती हूँ। वो अहसास जो कुछ 18 साल

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