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उमंग उम्मीद

30 मई 2023

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सच तो जीवन का बस सांसों तक साथ हमारा, रंगमंच के किरदार में न कोई किसी का होता हैं। हकीकत के सपनों में आज हम संग साथ मस्त, बच्चे पंछी पंख लगे उड़ जाते हैं।      आज ख्वाब जीवन के बचपन जवानी के बाद बुढ़ापे में सपनों का एहसास होता हैं। 
              हां सपनों की दुनिया में बस कल्पना के साथ हम जीते हैं। न कल न पल जिन्दगी के साथ हम सब सोच अपनी रखते हैं। 
             आओ सोचे और समझे, बस जीवन में न अपने, न पराए बस सोच हमारी अपनी रखती हैं।  
         हम सभी के अपने सपने ,बस सपने तो सपने ही रहते हैं। अब हम तुम सोच समझ कर मेरा  सपना हम दोनो संग प्रेम करते हैं।                                                                        तेरा मेरा सपना बस सच कहता है।                                                                               एक प्रयास मेरा सपना रहता है।                                         






 नीरज अग्रवाल चंदौसी* ....... ✍️
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उमंग उम्मीद
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आजकल हम मन भावों में सच और हकीकत के एहसासों को सहयोग करना है

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