हर कोई यहां फसा हुआ है वक्त की जंजीरों में, हर कोई यहां हंसता है केवल तस्वीरों में!
जरूरी नहीं है की इश्क बाहों के सहारे मिलें,किसी को जी भर के महसूस करना भी मोहब्बत है!
तेरी मोहब्बत पर मेरा हक तो नहीं पर दिल चाहता है आखरी सांस तक तेरा इंतजार करूँ
कुछ इस तरह से साँसों का बंधन है तुमसे मेरासाँस लेते हो तुम वहाँ, तो जी लेते हैं हम यहाँ
फिर आसमान में काली घटा छाई है, पत्नी ने फिर दो बाते सुनाई हैदिल कहता है सुधर जाऊँ, मगर पडोसन फिर भीग के आई है
दिल से किसी का हाथ अपने हाथो में लेकर देखोफिर मालूम होगा कि अनकही बातों को कैसे सुना जाता है
दिल का दर्द छुपा कर बाहर से मुस्कुरा देना, कैसे कहें क्या होता है किसी को पाकर गँवा देना!
जिन लोगों को आपसे मिलने की चाहत ना हो, उन्हें बार-बार आवाज लगाया नहीं करते!
बादल बरस रहे, फूल सारे हँस रहेधरती भी प्यासी, झूम-झूम नाच गा रहे शीतल पड़े फुहार, पेड़ गायें मल्हारनन्ही-नन्ही बूंदों सँग, हवा भी इतरा रहे
मिलने को तरसता हूँ, पर मुलाकात नहीं कर सकतामेरे पास नम्बर तो है उसका, पर मैं बात नहीं कर सकता
तड़प के देख किसी की चाहत में,तो पता चले कि इन्तजार क्या होता हैं,यूँ मिल जाए अगर कोई बिना तड़प के,तो कैसे पता चले कि प्यार क्या होता हैं
जरूरत से ज्यादा उसको पिलाई ना जाए,झूठी कसमें भी उससे खिलाई ना जाए,सच में कहूं तो सच्चा इश्क वही है, भूल कर भी जो कभी भुलाई ना जाए...
वैसे तो पूरे के पूरे हम तेरे हिसाब के हैं, बस थोड़े बहोत ही अपने मिजाज के हैं...-दिनेश कुमार कीर
वो हर बार पहली मुलाकात की तरह मिलती है मुझसे... मुझे हर बार पहली नज़र का इश्क़ हो जाता है उससे...
लफ्ज़ कम है लेकिन बहुत प्यारे हैं, तुम हमारे हो ओर हम तुम्हारे हैं।
एक पतंग की तरह उड़ना सीखो, जो उड़ती तो आजाद है, लेकिन संस्कारों की डोरी साथ लेकर।
कितना "बेईमान" है ये" दिल..."धड़क रहा "मेरे लिए "तड़प रहा तेरे" लिए...-दिनेश कुमार कीर
मुश्किलों से कह दो की उलझे ना हम से,हमे हर हालात मैं जीने का हूनर आता है!
जिंदगी का हर अंदाज पसंद है हमेंफिर चाहे वह ढेरों खुशियां हो या गम बेहिसाब
मेरी आंखों में यही हद से ज्यादा बेशुमार हैतेरा ही इश्क़ तेरा ही दर्द तेरा ही इंतजार है