9 मई 2022
भाग दो आसन की सिद्धि से नाड़ियों की शुद्धि, आरोग्य की वृद्धि एवं स्फूर्ति प्राप्त होती है। पतंजलि ने अपने रचित योगसूत्र में लिखा है "स्थिरं सुखम आसनम" चित्त को स्थिर रखने वाले तथा सुख देने वाले