स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् भले ही हमारे देश ने हर क्षेत्र में प्रगति की हैं, लेकिन नौकरियाँ देने के मामले में आज भी हम बहुत पिछड़े हुए हैं। युवा वर्ग जब दिन-रात एक करके बड़ी-बड़ी डिग्री हासिल कर उन्
युवाओं में आजकल तनाव बढ़ता जा रहा है । हम १८ वर्ष से लेकर ३० वर्ष तक के पर्सन को युवा कहते है । शैले ने दो प्रकार के तनावों की संकल्पना की- (क) यूस्ट्रेस (eustress) अर्थात मध्यम और इच्छित त
आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में युवाओ में बढ़ता तनाव लाजमी ही है उसके कई कारण है एक तो बेरोजगारी जो की अपने चरम सीमा पर है आज के युवा अपने परिवार का भरण पोषण के लिये कठोर परिश्रम कर दूर जाकर नौकरियां कर रह
आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में युवाओ में बढ़ता तनाव लाजमी ही है उसके कई कारण है एक तो बेरोजगारी जो की अपने चरम सीमा पर है आज के युवा अपने परिवार का भरण पोषण के लिये कठोर परिश्रम कर दूर जाकर नौकरियां कर रह
आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में युवाओ में बढ़ता तनाव लाजमी ही है उसके कई कारण है एक तो बेरोजगारी जो की अपने चरम सीमा पर है आज के युवा अपने परिवार का भरण पोषण के लिये कठोर परिश्रम कर दूर जाकर नौकरियां कर रह
दुनिया के हर युवा के चेहरे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट नजर आ रही है अब ये लकीरें किस बात को लेकर है इसके लिए उसके अंदर झांकने या उसके विचारों को जानकर ही पता लगाया जा सकता है।इस समय एक युवा के लिए जरूरत
आधुनिक शैली, आधुनिक अविष्कारों की उत्पत्ति और कम्पटीशन का जमाना, बढ़ती बेरोजगारी, शिक्षित व्यक्ति का योग्यता के आधार पर चयन न होकर आरक्षण प्राप्त व्यक्ति का चयन और बदलता खान पान जिससे फैलती खतरनाक बीम