आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में युवाओ में बढ़ता तनाव लाजमी ही है उसके कई कारण है एक तो बेरोजगारी जो की अपने चरम सीमा पर है आज के युवा अपने परिवार का भरण पोषण के लिये कठोर परिश्रम कर दूर जाकर नौकरियां कर रहे है जिससे वह अपनी आजिविका को चलाने के लिये परिश्रम कर रहे है आज के समय में लोगो की इच्छाएं इतनी बलवती हो चुकी है की जिससे पूरा करते करते युवाओ के मन व मस्तिष्क को आराम नही मिलता और वो एक दूसरे की बराबरी करने में ही अपनी सारी आयु पूरी करके इस जीवन से चला जाता है जबकी होना यह चाहिये आपके पास कितना है उसी में खुश रहिये और ओरो को भी खुश रखिये इस धरती पर सबका भाग्य अलग अलग लिखा है इश्वर ने इसलिये किसी की बराबरी करने के चक्कर में अपनी और अपने परिवार की शन्ति को भंग ना करे खुश रहिये और अपने