[मैंने परम श्रद्धेय स्वर्गीय श्री हरिशंकर परसाईं के जन्म शती वर्ष में उनको श्रद्धांजलि स्वरुप उनकी कहानी भोलाराम का जीव पर ये नाटक लिखा है] (एक व्यक्ति मेज पर रखी डायरी पर कुछ लिख रहा है) सूत्रधा
गाँधी जी ने घोषणा की थी कि वह स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए विदेशी वस्तुओं की होली जलाएंगे। उन्होंने अपने सभी कार्यकर्ताओं को व्हाट्सएप कर दिया था। शहर में लोगों को जागरूक करने के लिए टीवी, अखबार आदि म
किसी ने सोचा नहीं होगा कि 21 जुलाई, 2022 का दिन भारत के इतिहास में अमर हो जायेगा । इस दिन ऐसी ऐसी घटनाएं घटित होंगी जो अविश्वसनीय प्रतीत होती हैं । किसने सोचा था कि कोई अर्श से फर्श पर आ गिरेगा तो कोई
सुंदर कांड आज सुबह सुबह सुंदर लाल जी हमारे मकान पर पधारे । कोरोना की घटना के बाद लोग दूसरे के घरों में जाने से ऐसे ही कतराने लगे थे जैसे सरकारी कर्मचारी ऑफिस जाने से , अध्यापक कक्षा में जाने से ,
"बाड़ाबंदी" ईवेन्ट के सफल आयोजन से कलेक्टर साहब की धाक पूरे जिले में जम गई । उनके बारे में अनेकानेक प्रकार की किंवदंतियों हवा में तैरने लगीं । कोई उन्हें "मुखिया" जी का "खासमखास" बताने लगा तो कोई "पार
बफर सिस्टम - 1मैं अपना नित्य कर्म करके श्रीमती जी के समक्ष इस आशा से उपस्थित हुआ कि उनकी कृपा हो जाये तो उनके मखमली हाथों से एक प्याला गरम गरम ग्रीन टी मिल जाए । आप ग़लत समझ रहे हैं जनाब । मैं क
आषाढ का महीना आषाढ़ का महीना अपने अंतिम दिन गिन रहा था । अब कुछ दिनों का ही मेहमान था वह । जिस तरह जब किसी व्यक्ति के "अंतिम दिन" आते हैं तो उससे मिलने नाते रिश्तेदार , अड़ोसी पड़ोसी , यार दोस्त
ज्ञान का गुरुकुल - 3 आज सुबह सुबह मेरे मित्र हंसमुख लाल जी किसी नौजवान के साथ आये और कहने लगे : भाईसाहब , अपने " ज्ञान के गुरुकुल" की ख्याति दूर दूर तक फैल चुकी है । बड़ी संख्या में लोग इसम
ज्ञान का गुरुकुल - 2 हमारे घुटन्ना मित्र हंसमुख लाल जी ने हमें एक ज्ञान का गुरुकुल खोलने का सुझाव दिया था । मैं माथापच्ची कर रहा था कि उस गुरुकुल का नाम क्या रखूं ? हंसमुख लाल जी ने कहा " ह
कलेक्टर और एस पी साहब सामने स्टेज पर सजी दो कुर्सियों पर बैठ गये । उनके बैठने के बाद समस्त अधिकारी भी अपने अपने स्थान पर बैठ गये । कार्यक्रम का संचालन एक विद्यालय के हिन्दी के व्याख्याता आनंद राज "दुख
कई वर्ष से मेरे एंड्रॉइड फोन का सारथी अर्थात मेरा मोबाइल फोन चलाने वाला मेरा भतीजा मेरा फोन चेक कर रहा था। ऑन लाइन प्लेटफार्म पर मेरे लेख देखकर वह श्रीकृष्ण की तरह मुझे समझाने लगा कि पार्थ किस प्रकार
ज्ञान का गुरुकुल - 1 आज सुबह सुबह श्रीमती जी से बहस हो गई । अजी , बहस करने की हिम्मत कहां है हमारी । यों कहो कि कहा सुनी हो गई । कहा सुनी का मतलब तो आप सभी ज्ञानी लोग जानते ही हैं कि कहने व
"बाड़ाबंदी" की सफल ईवेंट होने के बाद कलेक्टर अविनाश का रुतबा अचानक बढ गया । मुख्यमंत्री जी के प्रधान सचिव ने स्वयं फोन करके उसकी तारीफों के पुल बांध दिए और कहा "पहली पोस्टिंग के शुरुआती दिनों में ही ज
लाइफलाइन कहावत है "बिन गृहणी घर भूतों का डेरा" । इस पर आज सुबह सुबह बहस हो गई । श्रीमती जी बोलीं "अगर मैं नहीं रहूं तो यह घर भूतों का डेरा बन जाएगा । आपने कभी मेरी वैल्यू नहीं समझी मगर आपको पता च
डायरी सखि, आज तो बहुत दिनों के बाद तुमसे मुलाकात हो रही है सखि । इतने विलंब से मिलने का कारण वही है सखि जो मैंने तुम्हें पहले बताया था । मैं अपनी दूसरी पुस्तक "यक्ष प्रश्न" के लिये रचनाओं की प्रू
ज्ञान का गुरुकुल - 3 आज सुबह सुबह मेरे मित्र हंसमुख लाल जी किसी नौजवान के साथ आये और कहने लगे : भाईसाहब , अपने " ज्ञान के गुरुकुल" की ख्याति दूर दूर तक फैल चुकी है । बड़ी संख्या में लोग इसम
ज्ञान का गुरुकुल - 2 हमारे घुटन्ना मित्र हंसमुख लाल जी ने हमें एक ज्ञान का गुरुकुल खोलने का सुझाव दिया था । मैं माथापच्ची कर रहा था कि उस गुरुकुल का नाम क्या रखूं ? हंसमुख लाल जी ने कहा " ह
कोरोना पास हमारे मौहल्ले में घसीटा राम जी रहते हैं । जलदाय विभाग में हैंडपंप मिस्त्री हैं । आजकल हैंडपंप तो रहे नहीं । हैंडपंप रहे नहीं का मतलब यह नहीं है कि जो पहले के हैंडपंप लगे हुए थे उनको क
सास , जेठानी और छोटी बहू मैं आज सुबह सुबह अपने मोबाइल में आने वाले मैसेज देख रहा था कि अचानक मेरी नज़र एक मैसेज पर पड़ी । यह मैसेज तो कुछ जाना पहचाना सा लगा । तुरंत ध्यान आया कि यह तो मेरा ही एक
आज मैं अवकाश पर था । मैं यूं ही अवकाश पर नहीं रहता पर गोवर्धन जी की परिक्रमा करने के बाद पैर चलने से बिल्कुल मना कर देते हैं । इसलिए अवकाश लेकर गोवर्धन परिक्रमा की थकान उतार रहा था । दिन भर आराम किया