नई दिल्ली: तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के बारे में कम ही लोग जानते हैं कि वो वकील बनना चाहती थी लेकिन परिवार की मजबुरियों ने उन्हें फिल्मों में आने पर मजबूर कर दिया। जयललिता जब महज दो साल की थीं तो उनके पिता का निधन हो गया था। परिवार की पूरी जायदाद उनकी सौतेली मां को मिल गई और उनकी मां दाने-दाने के लिए मोहताज हो गईं।
मां की बहन के पास रहना पड़ा
उनकी मां के पास नहीं थे तो जयललिता को परवरिश के लिए अपनी बहन के पास बेंगलुरु में छोड़ दिया और उनकी मां काम की तलाश में मैसूर से मद्रास चली गईं। जयललिता की मां की बहन अमबुजावल्ली ने फिल्मों के बारे में बताती थी जिससे जयललिता फिल्मी दुनिया से वाकिफ हो गई। उनकी शुरूआत एक छोटी-मोटी ड्रामा कंपनी में एक्टिंग से हुई फिर उन्होंने फिल्मों की राह पकड़ी।
फिल्मों में उनका सिक्का चलने लगा। उनको कई ऑफर लगे। लेकिन जयललिता चाहती थीं कि वे पढ़ाई जारी रखकर और वकील बनें। उनकी मां की भी यही इच्छा चाहती थीं। घर की माली हालत को सुधारने के लिए फिल्मों में एक्टिंग करना जयललिता की मजबूरी बन चुकी थी। वे दक्षिण की सुपरस्टार बन गईं। उनकी तुलना शर्मिला टैगोर से होने लगी। उस दौर के फेमस ब्रैंड लक्स साबुन ने उन्हें साइन किया। जयललिता ने 14 सालों (1964- 78) में 142 फिल्मों में काम किया।