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1. जन्म

14 नवम्बर 2021

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मंजीता का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ। उसके पापा एक गरीब किसान थे। जब खेत पर कुछ भी नही बोया होता उस वक़्त वह मजदूरी करके घर का गुजारा चलाते थे। मंजीता का पापा का नाम रंजन था। उसकी माता संजना थी। दोनों दंपति अपना गुजारा आराम से चला लेते थे। मगर उनके कोई औलाद नही थी। बहुत से डॉक्टर के पास गए। बहुत से हाकिम को दिखाया।मंदिर, दरगाह,गुरुद्वारा, चर्च पर मथा टेका। पर ऊपर वाले के घर देर है अंधेर नही। संजना को 42साल की उम्र में माँ बनने का अहसास हुआ। तो उसने बिना देर की अपने पति रंजन को यह खुश खबरी बताई। यह बात सुन रंजन के तो पैर ही जमीन पर नही टिक रहे थे। वह तुरंत पूरे गाँव मे जाकर खुशी से बताने लगा । मैं पापा बनने वाला हूँ। अपने रिश्तेदारों को बताने लगा। चारो तरफ मिठाइयां बाटने लगा। संजना ने  उसे बहुत समझाया मगर वह कहाँ संजना की सुनने वाला था। संजना उसके चेहरे के भाव देखकर अब उसने दोबारा नही टोका। जब वो खुश होकर थक गया तब संजना ने समझाया। रंजन अभी हमारा 2 महीने का बच्चा है। अभी इसे दुनिया में आने में 7 महीने लगेंगे तब तक इसका और मेरा बहुत ध्यान रखना होगा तुम्हे । रंजन ने तपाक से कहाँ, हाँ मेरी रानी। अब तुम्हें बिल्कुल भी काम नही करने दूँगा। सबसे पहले मैं तुम्हे डॉक्टर के पास लेकर जाऊँगा। जैसा डॉक्टर कहेंगे वैसा ही मैं करूंगा।रंजन अपनी पत्नी संजना के लिए रिस्का करके डॉक्टर के पास निकल जाता है। रिक्से वाले को  बोलता है। भाई धीरे चलाना। तेरी भाभी गर्भवती है। वह अनजान रिक्से वाला यह सुनकर उन्हें बड़ी बड़ी आंखों से देखता है। शायद रिक्से वाले को 50 वर्ष के रंजन को बाप होना उसे आश्चर्य लगा। संजना यह भाप गई। उसने तुरंत कहाँ आप चलो भैया।  रिक्से वाला उसे आराम से लेकर हॉस्पिटल जाता है। गॉव से शहर बहुत दूर था। डॉक्टर ने संजना की जांच की और रंजन को बताया कि संजना बहुत कमजोर है।उसका तुम्हे बहुत ध्यान रखना पड़ेगा। उसके उठने-बैठने से खाने पीने का भी। रंजना ने डॉक्टर को भरोसा दिलाया कि मैं वैसा ही करूंगा। जैसा आपने मुझे बताया।संजना का मैं अपने से ज्यादा ख्याल रखूँगा।रंजन ने वैसा ही किया जैसा डॉक्टर ने कहाँ था। संजना का बहुत ध्यान रखा। उसका हर पल अपनी आंखों के सामने रखा। उसका हर एक छोटा सा काम भी उसने किया। 7 महीने की तपस्या के बाद दोनों को माता-पिता बनने का सुखद अहसास हुआ। अपने बच्चे की छवी देख दोनों की खुशी देखकर कोई भी हर्षित हुए बिना नही रह सकता है। 

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रचनाएँ
मंजीता का संघर्ष
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मंजीता एक गॉव की सीधी साधी लड़की है। जो हमेशा अपनो के लिए लड़ती है । फिर चाहे वे उसे पसंद ही नही करते हो। मंजीता अपनी पढ़ाई में बहुत कमजोर है। मगर वह पढ़ना चाहती है। वो अपने जीवन मे परिवर्तन लाना चाहती है। मगर जैसा वह सोचती है वैसा उसके साथ हुआ नहीं। उसका ससुराल उसके लिए कठिनाइयों का सैलाब लेकर आया। पर इस सैलाब में उसने अपने आप को संभाला और जीवन मे देखे गए सपने पूरे किए।

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