कैसी हो ।हम अच्छे है ।बस थोडा मौसम बदल रहा है तो बुखार ने घेर लिया है।वैसे अब ठीक है ।कल ही तुम्हारी ओर हमारी मुलाकात सुर्खियों मे थी।मतलब एक बार फिरसे तुम्हारी और हमारी मुलाकात प्रथम स्थान पर रही।
मंच पर फोन वेरिफिकेशन तो आ गया है पर अभी भी कुछ खामियां है ।जैसे फेक अकाउंट बनके पाठक भी बढ़ रहे है और लाइक कमेंट और भी आ रहे है ।हमे आशा है जल्द ही इसमे भी सुधार होगा ।
भयी हम तो अपना उपन्यास डालना चाहते है पुस्तक प्रतियोगिता में। लेकिन तब तक नही जब तक पूरी तरीके से फोन वेरिफिकेशन लागू नही होता । चाहे दो पाठक मिले हमे ।कम से कम प्रतियोगिता तो फेयर होगी।
आजकल के समय में इंटरनेट का उपयोग हर व्यक्ति कर रहा है। शहर ही नहीं बल्कि गांव तक इंटरनेट की उपयोगिता बढ़ती जा रही है। अभी तक हम इंटरनेट के 4G तकनीक का इस्तेमाल कर रहे थे, लेकिन अब हम इंटरनेट के 5G तकनीक के इस्तेमाल की ओर आगे बढ़ चुके है।
लाभ
यह नेटवर्किंग तकनीक सुपर हाई स्पीड इंटरनेट की कनेक्टिविटी प्रदान करती है। इस टेक्नोलॉजी आ जाने से कनेक्टिविटी मे और भी ज्यादा विकास एवं शुद्धता प्राप्त होगी।
5G के तकनीक की वजह से ड्राइवरलेस कार, हेल्थ केयर, वर्चुअल रियलिटी, क्लाउड गेमिंग के क्षेत्र में नए-नए विकासशील रास्ते खुलते चले जाएंगे।
क्वॉलिकम के अनुसार अभी तक 5G की तकनीक ने करीब 13.1 ट्रिलियन डॉलर ग्लोबल इकोनामी को आउटपुट प्रदान कर दिया है।
5 जी की वजह से दुनिया भर में करीब 22.8 मिलियन के नए जॉब अवसर विकसित हो रहे हैं।
इस नई तकनीक की स्पीड करीब एक सेकंड में 20gb के आधार पर इसके उपभोक्ताओं को प्राप्त होगी।
इस तकनीक के आ जाने से टेक्नोलॉजी से जुड़े हुए सभी कार्यों में तेजी से विकास होगा और सभी कार्य आसानी से काफी फास्ट स्पीड में किए जा सकेंगे।
5G की तकनीक के आ जाने से अब डिजिटल इंडिया को एक नई दिशा प्राप्त हुई है।
भारत देश में 5जी के आ जाने से देश की जीडीपी और अर्थव्यवस्था में काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।
हानि
तकनीकी शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों के अनुसार एक शोध में पाया गया कि 5G तकनीक की तरंगे दीवारों को भेदने में पूरी तरीके से असक्षम होती है। इसी के कारणवश इसका घनत्व बहुत दूर तक नहीं जा सकता है और इसी के परिणाम स्वरूप इसके नेटवर्क में कमजोरी पाई गई।
दीवारों को भेदने के अलावा इसकी तकनीक बारिश, पेड़ पौधों जैसे प्राकृतिक संसाधनों को भी भेदने में पूरी तरीके से असक्षम सिद्ध हुई है।
5G तकनीक में जिन किरणों का उपयोग किया जा रहा है, उनका परिणाम काफी घातक सिद्ध हो रहा है।
कई बड़े-बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह भी कहा गया कि 5G तकनीकी टेक्सटिंग के कारण है कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इतना ही नहीं कोरोना संक्रमण की उत्पत्ति का कारण भी 5G तकनीकी को बताया गया।
हालांकि डब्ल्यूएचओ ने यह साफ कर दिया है कि कोरोना संक्रमण उन देशों में भी है जहां पर 5G तकनीकी टेस्टिंग नहीं हुआ है ऐसे में ऐसी तकनीक को कोरोना संक्रमण का एकमात्र कारण बताना मिथ्य है।