सानिया अमान के कमरे बाहर आई और उसे दरवाज़ा नॉक किया लेकिन अंदर से कोई आवाज़ नही आई तो वोह दरवाज़ा खोल कर अंदर चली गयी।
अंदर आते ही उसकी नज़र ब्लैक ट्रॉज़र और ब्लैक बांयाज पहेने अपनी तरफ पीठ करके खड़े कानो में हैंड फ्री लगाए फोन पर बात कर रहे अमान पर पड़ी।
भूरे सिल्की बार जिसकी लम्बाई कंधों तक थी जिसकी उस ने पोनी बनाई हुई थी।
सानिया को अमान के कंधे के नीचे कुछ टैटू ऐसा लगा अभी वोह उसे ध्यान्द से देखने ही वाली थी कि तभी अमान अचानक से पलटा और उसकी नज़र खुद को देखती सानिया पर पड़ी।
अमान ने एब्रो उचका कर सानिया को देखा तो वोह हड़बड़ा कर अपना सिर ना में हिलाने लगी।
"तुम्हारी बात कब तक खत्म होगी??"
सानिया ने इशारे से पूछा तो अमान ने उसे उंगली से दो मिनट का इशारा किया तो वोह मुस्कुराते हुए अंदर आ गयी।
छह फीट हाइट, भरी शहद रंग की आंखे, चौड़ा सीना, मस्क्युलर बॉडी, सानिया को कहि से भी वोह चौबीस साल का नौजवान नही लग रहा था बल्कि उसे वोह मज़बूत मर्द लग रहा था।
अमान की बॉडी पहले भी काफी अच्छी थी लेकिन अब उसे देख कर ऐसा लग रहा था जैसे कोई देव हो। ऊपर से उसका येह हुलिया, अपनी पांच फुट पांच इंच की हाइट होने के बावजूद भी सानिया को अपना आप अमान के सामने छोटा सा महसूस होता था।
सानिया की नज़र अमान के चेहरे से होते हुए गर्दन पर गयी जिस में उस ने एक चैन पहेनी हुई थी और वोह चैन उसके सीने तक आ रही थी।
फ़ोन पर बात करने के दौरान अमान उस चैन को उंगली पर लपेटे दाएं बाएं घुमा रहा था।
सानिया ने उस पर से नज़रें हटा कर कमरे के इर्द गिर्द नज़र दौड़ाई।
बेड रूम में एंटर हिट ही दाएं सेड पर एक किंग साइज़ बेड था। बेडरूम को कुमकुमें से सजाया गया था जो ब्लैक कलर की दीवारों पर बहोत ही खूबसूरत लग रहे थे। बेड से पांच कदम की दूरी पर एक लार्ज साइज़ सोफा सेट किया गया तंग जो बीएड रूम को रॉयल लुक दे रहा था।
टैरिस के ग्लास डोर पर लगे कटेन्स साइड से ग्रे और बीच मे ऑफ व्हाइट कलर के थे।
सानिया अपने ही खयालो में गम कमर देखने मे खोई हुई थी तक़भी अमान के चुटकी बजाने पर वोह होश में आई।
"तुम्हे कोई काम था??" उस ने चेहरे पर सख्त एक्सप्रेशन सजाए हुए अपने सामने खड़ी सानिया से पूछा।
"तुम नही आप.....येह मत भूला करो कि मैं रिश्ते में तुम्हारी खाला भी लगती हु मान।" सानिया ने उसे टोकते हुए कहा तो अमान ने समझने वाले अंदाज़ में अपना सिर हैं में हिला दिया।
"मान नही अमान...आप भी मत भूले मेरा और आप का क्या रिश्ता है। और वैसे भी आप मेरी माँ की सगी बहेन नही है इसीलिए बिना वजह मुझ से फ्रेंक होने की कोशिश ना करे।" अमान ने भी उसी के अंदाज़ में कहा तो सानिया ने उसे घूर कर देखा।
"वैसे जहां तक मुझे याद है तुम्हारी गर्लफ्रैंड भी तुम्हे इसी नाम से बुलाती थी ना।" सानिया ने उस पर तंज कसते हुए कहा।
मगर सानिया आज येह भूल गयी थी जिसे वोह पांच साल पहले वाला मासूम लड़का समझती थी आज वोह इस्तंबूल का मशहूर प्ले बॉय कहलाता था।
जो बिना कुछ किये अपनी आंखों की ज़ुबान से ही लोगो को मुंह छुपाने पर मजबूर कर देता था।
"यु आर राइट लेकिन वोह मुझे मान के इलावा भी और बहोत से नामो से बुलाती है। आप समझ तो रही है ना!! मींज़ कुर्बत के नशे में चूर....जज़्बात की रो में बह कर पुकारे जाने वाला नाम....और..." अभी अमान कुछ और कहता कि तभी सानिया का हाथ उठा और अमान के गाल पर अपना निशान छोड़ गया।
"तुम जैसों से उम्मीद ही क्या की जा सकती है। तुम्हारी बातों से येह साबित हुआ है अमान कि तुम्हारी फितरत पर खून सोहबत से हार गया।" सानिया ने एक एल शब्द चबा कर कहा तो अमन ने गुस्से से अपने होंठो को भींच लिया और अपनी मुट्ठियां बन्द करके खुद को कंट्रोल करने की कोशिश करने लगा।
"आउट, इससे पहले की मैं तुम्हारी उम्र क्या हमारे बीच रिश्ते का भी ख्याल किये बिना ही अपने कमरे से धक्का दे कर बाहर निकाल दु तुम मेरी नज़रो से दूर चली जाओ।" अमान गुस्से से दांत पीसते हुए बोला तो सानिया उस पर एक तंज़ भरी नज़रे डालते हुए अपना सिर झटक कर कमरे से निकल गयी।
उसे सानिया से प्रॉब्लम नही थी उसे प्रॉब्लम उसके परफैक्ट होने पर थी। सानिया का परफैक्ट होना उसे अपनी गलतियों का हस्स दिलाता था।
सानिया गलती होने पर उसे एक्सेप्ट करके ठीक करने वालों में से थी लेकिन अमान गलती होने पर खुद से ही नज़रें नही मिला पता था। वोह अपनी गलती नही मानता था लेकिन अंदर ही अंदर घुट घुट मरता रहता था।
वोह सानिया की तरफ परफैक्ट बनना भी नही चाहता था। वोह जो था उसे उस पर फख्र था। अमान बस एक ही चीज़ चाहता था कि काश वोह भी सानिया की तरफ अपनी गलती मानना सीखले ताकि उसे अंदर ही अंदर घुट घुट कर मरना ना पड़े।
सानिया गलती होने पर येह परवाह किये बिना की लोग क्या कहेंगे अपनी गलती सुधार कर उनका मुमह बन्द कर देती थी लेकिन अमान....दा ग्रेट अमान कभी भी अपनी गलती नही मान सकता था।
वोह चाहता था कि लोग उसकी गलती को भी उसका स्टाइल समझे। वोह लोगों की नज़र में ऐसा इंसान था जो कभी गलती कर ही नही सकता था।
मगर अमान और उसका ज़मीर जानता था वोह जो भी कर रहा है वोह गलत कर रहा है लेकिन जो लोग उसके आस पास थे, जो उसकी लाइफ में एडजस्ट कर रहे थी उनकी नज़र में अमान गलत होने के बावजूद भी सही था और यही बात अमान का सीना चौड़ा करके उसे और घमंडी बना रही थी लेकिन तन्हाई उसे हर पल सांप की तरह डस्ती रहती थी।
अमान से बस एक ही गलती हुई थी जिसे उसने माना नही था और उस गलती को मानने की बजाए अमान ने उसे अपना स्टाइल बना लिया था। अब उसे कोई ताना देने वाला नही था क्योंकि दुनिया की नज़र में वोह अमान का स्टली था और वोह स्टाइल उस जचता भी था।
.......
थी रॉयल क्लब के अंदर जहां नौजवान लड़के लडकिया एक दूसरे की बाहों में बाहें डाले नशे में धुत हो कर नाच रहे थे वही एक सुनसान से कोने एक सोफे और टेबल के इर्द गिर्द तीन लोग बैठे हुए थे जिन्होंने बालक सूट पहना हुआ था और वही टेबल के ऊपर दो फाइल और एक ब्रीफकेस रखा हुआ था।
जबकि वही दूसरी तरफ एक आदमी बालक हुडी पहेने चेहरा मास्क से छुपाए जिसके ऊपर वुल्फ बना हुआ था। वोह सोफे पर टेक लगाए, एक टांग दूसरी टाँग पर रखे सीरियस हो कर अपने सामने बैठे आदमी को देख रहा था।
क्लब में तेज म्यूजिक चल रहा था लेकिन सोफे पर आमने सामने बैठे तीनो लोगो के बीच बिल्कुल खामोशी छाई हुई थी।
"ठीक है। हम तुम्हे मुंह मांगी कीमत देंगे क्योंकि हम चाहते है कि इस केस को तुम हैंडल करो।" उन तीनों के बीच छाई खामोशी को सामने बैठे दो अमदियो ने तोड़ा तो सामने बैठा आदमी हँसने लगा।
"और तुम्हे क्यों लगता है तुम्हारी येह बात मुझे इस केस को लेने पर मजबूर कर देगी।" अपनी टाँग को टाँग पर से हटा कर अपनी कोहनियो को थाई पर रख कर अपनी मुट्ठी को ठोड़ी से टिका कर उस ने तंज़ कसते हुए पूछा तो उन दोनों ने बेबसी से अपने सामने बैठे आदमी को देखा।
"पैसों के लिए ना सही लेकिन इस देश के लिए ही....इस वक़्त इस देश को तुम्हारी ज़रूरत है।" इस बार दूसरे आदमी ने कहा।
"अपने देश के लिए मुझे कब कहा काम आना है येह तुम्हे मुझे बताने की ज़रूरत नही है क्योंकि येह बात मैं बहोत अच्छे से जानता हूं।" उस ने ठंडी आवाज़ में एक एक शब्द चबा कर कहा तो उन दोनों ने मासूमी से एक दूसरे को देखा।
"येह मामला बहोत पेचीदा है। हम अपने डिपार्टमेंट में किसी पर भी यकीन नही कर सकते है। अगर येह बात बाहर निकली तो तो हमारे पास जो सबूत है उन्हें भी खत्म कर दिया जाएगा और शायद हमारा ट्रांसफर दूसरे शहर...!" अभी वोह आदमी अपनी बात पूरी करता कि सामने बैठे आदमी ने उसकी बात को काटते हुए कहा।
"और शायद तुम्हे दूसरी दुनिया मे भेज दिया जाए।" अपनी बात पूरी करते ही वोह आदमी खुद हँसने लगा।
"तुम पुलिस वालों के साथ यही प्रॉब्लम है किसी को इज़्ज़त से हलाल की रोटी रास नही आती है और जिनको आती है तो उन्हें उनकी ईमानदारी ले डूबती है। बेचारों की ईमानदारी किसी पॉलिटिशियन को या किसी शरीफ को रास नही आती है।" उस आदमी ने अफसोस के साथ तंज़ भरे लहजे में कहा और उस फाइल को ऊनी तरफ खींच लिया तो उन दोनों ने सुकून की सांस ली।
उस फ़ाइल को ले कर वोह आदमी अपनी जगह से खड़ा हुआ और फिर अपने मास्क पर बने वुल्फ पर उंगली रख कर कुछ सोचते हुए उन दोनों को सीरियस नज़रों के साथ देखते हुए आगे बढ़ गया।
"येह हमे धोखा तो नही देगा ना??" उसके जाने के बाद एक आदमी ने फ़िक्रमन्दि से पूछा तो दूसरे आदमी ने सुकून से अपना सिर सोफे से टिका दिया।
"क्या तुम ने कभी सुना है कि भेड़िया धोखा दे जाए या वोह पीठ पर वार करें!"
उस आदमी ने एब्रो उचका कर पूछा तो दूसरे आदमी ने अपना कंधा उचकाते हुए अपना सिर ना में हिलाया।
"भेड़ियों का तो पता नही लेकिन एक इंसान पर अंधाधुंध भरोसा करना दूसरे इंसान को कहि का नही छोड़ता है।"
उस ने पानी पीते हुए कहा तो उसके साथ बैठा आदमी हँसने लगा।
"तुम फिक्र मत करो गुनाहगारों के लिए येह इंसान नही है। वोह दरिंदे है तो येह भेड़िया जो अपने दुश्मन को मिटाए बिना चैन से नही बैठेगा। इन हैवानों की जहन्नुम में वोह वाइल्ड वुल्फ के नाम से जाना जाता है। जो दुश्मन का शिकार करके उसे चीड़फाड़ कर रख देता है और इसके साथ दूसरा जो है वोह है ड्रागो जो गुनाहगारों को जला कर भस्म कर देता है।" उस आदमी ने चेहरे पर मुस्कुराहट सजये हुए फख्र से कहा तो दूसरे आदमी ने उससे इम्प्रेस हो कर अपना सिर हां में हिला दिया।
"भेड़िये का फिर भी समझ आता है लरकीं ड्रागो!! येह तो बस कहानियों के पात्र है जिनका इस दुनिया मे कोई वजूद नही है।" उस आदमी ने अपने साथी की बात को मज़ाक़ में लेते हुए कहा तो दूसरा आदमी उसे सीरियस नज़रो से देखते हुए अपनी जगह से उठ गया।
"और तुम से किसने कहा कि ड्रागो का कोई वजूद नही है?? जिस तरफ कहानियों में ड्रागो के नाम से ज़्यादा उसके वजूद की दहशत होती है इसी तरह इस ड्रागो के वजूद के बिना उसका नाम काफी है। उसका नाम सुन कर ही दुःमन डर से कांपने लगते है। वोह दूर से उन्हें बिलबिलाने पर मजबूर कर देता है।" उस आदमी ने बाहर निकलते हुए कहा।
"आखिर येह ड्रागो है कौन??? क्या येह भी ड्रैगन की तरह मुंह से आग निकालता है?? या फिर उड़ता है??"