यह कहानी है एक छोटे से गांव के एक छोटे से लड़के की, जिसका नाम राजू था। राजू का सपना था कि उसका गांव हमेशा खुशहाली में रहे और लोग एक-दूसरे के साथ शांति से रहें।
एक दिन, राजू ने अपने दोस्तों के साथ गांव के मैदान में खेल खेलते हुए देखा कि कुछ बच्चे झगड़ रहे थे। वे एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे थे और दोस्ती टूट गई थी। राजू ने इसके बारे में चिंतित होकर अपने दोस्तों से बात की।
राजू ने गांव के गुरु जी से मदद मांगी, जिन्होंने सभी बच्चों को एक साथ बुलाया। उन्होंने बच्चों को शांति के महत्व के बारे में सिखाया और उन्हें दिखाया कि एक-दूसरे के साथ समझदारी से बिताने से गांव में शांति बन सकती है।
बच्चों ने गुरु जी की बातों को सुनकर एक-दूसरे से माफी मांग ली और फिर से दोस्ती की शुरुआत की। गांव में एक नई शांति की आवश्यकता हो गई, और वे सभी इसमें योगदान करने को तैयार थे।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि शांति को बनाए रखने के लिए हमें समझदारी, सहमति, और सहयोग की आवश्यकता होती है। अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस हमें याद दिलाता है कि हमें समृद्धि और सुख-शांति के लिए मिलकर काम करना चाहिए।