प्रजा का विश्वास और उनके अरमानों की खान है। सत्य ,करूणा ,मैत्री , बंधुत्व उसके जीवन की जान है।।समता और स्वतंत्रता ,राजा की ताजपोशी मे होनी चाहिए।न्याय व्यवस्था उचित हो, ऐसा राजा राज्य को चाहिए।।न
एक सामान्य स्वप्न ले कर जीने वाली लड़की।एक मध्यमवर्गीय परिवार की बेटी जिसने अभी जीना शुरू भी नहीं किया था कि जला कर मार दी गयी। क्यों ? क्योंकि किसी राक्षस का दिल आ गया था उसपर !उसे बीवी बना कर अपनी झ
आदिवासी योद्धा पूंजा भील जिन्होंने हल्दीघाटी युद्ध किया। जिसके धनुष मात्र से अकबर की सेना में हड़कंप मच जाता था। ऐसे आदिवासी योद्धा को नमन। राणा पूंजा भील का जन्म मेरपुर में हुआ था। उनके पिता के
अजबदे पंवार महाराणा प्रताप की पत्नी तथा अमरसिंह सिसोदिया की माँ थी। इनके पिता का नाम राव माम्रक सिंह तथा माता का नाम हंसा बाई था। अजबदे पंवार ने महाराणा प्रताप की राजनीतिक मामलों में काफी मदद की थी।
महारानी जयवंताबाई महाराणा उदय सिंह की पहली पत्नी थी, और इनके पुत्र का नाम महाराणा प्रताप था। यह राजस्थान के जालौर की एक रियासत के अखे राज सोंगरा चौहान की बेटी थी। ... जयवंता बाई उदय सिंह को राजनी
दुर्गावती जब रण में निकली, हाथों में थी तलवारें दो। धरती कांपी आकाश हिला, जब चलने लगीं तलवारें दो।। अदम्य साहस और शौर्य की प्रतीक, रण में मुगलों के छक्के छुड़ाने वाली महान वीरांगना, गोंडवाना क
8 सितंबर को महारानी एलिजाबेथ के निधन के 2 दिन बाद ही प्रिंस चार्ल्स को औपचारिक रूप से सम्राट घोषित कर दिया गया था। अब ब्रिटेन में 70 साल बाद फिर राजतिलक की परंपरा निभाई जाएगी। शाही अंदाज में प्रिंस चा