विक्रम सुबह की पहली किरणों के साथ झकरकटी में।लगा था पुल में जाम सुबह भी शाम की तरह।कानपुर की विक्रम भी क्या कट मरती है रोड़ में।बच गए तो किस्मत ठीक, ठोक दी बदकिस्मती आपकी।देख के चलबे, सुबह सुबह मरने चले आते कहाँ से।विक्रम में लिखा भी था, किधर को भी मुड़ सकती हूँ।बिठूर 1
वित्तीय वर्ष २०-21 का ₹65 हजार करोड़ का दिल्ली-सरकार का बजट और इस पर भी दिल्लीमें सड़को की ऐसी दयनीय दशा, इस दयनीय स्तिथि का मेट्रो से सफर करने वाले दिल्ली वालोंको शायद ही पता चलता , यदि लॉक-डाउन के दौरान मेट्रो-सेवा बंद न होती। मेट्रो-सेवा बंद होने कीमजबूरी के चलते , दिल्ली में Ma
नादान उठोसोये हुए को जगाना आसान है, अलसाए हुए को उठाना मुश्किल है। बोलियां चलती है तो लोग कहते है बकवास है, गोलियां चलती है तो कहते इनका दिल मर गया है। मांगते है तो, भिखारी कहते है। अगर छीनने में उतर आए, तो हैवान कहते है। पढ़ते नही तो अनपढ़ है, पढ़े लिखे तो बेरोजगार, मेहनत से कमाए तो मजदूर , मिल गई सर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में पाँच वर्ष से लेकर 29 वर्ष की आयु केबच्चों और युवा लोगों की मृत्यु का मुख्य कारण रोग या भुखमरी या मादक पदार्थों कीलत या साधारण दुर्घटनाएँ नहीं है. इन बच्चों और युवकों की मृत्यु का मुख्य कारण है सड़क दुर्घटनायें.सरकारी आंकड़ों पर अगर विश्वास क
सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत में हर दिन चार सौ से अधिकलोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं. निश्चय ही यह एक भयानक सच्चाई है. पर इसत्रासदी को लेकर हम सब जितने बेपरवाह हैं वह देख कर कभी-कभी आश्चर्य होता है; लगताहै कि सभ्य होने में अभी कई वर्ष और लगेंगे.अब जो आंकड़े विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जारी क
भारत में हर रोज सैकड़ों सड़क हादसे होते हैं जिनमें कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। इन हादसों को रोकने के लिए सड़कों पर बीच-बीच में स्पीड ब्रेकर भी लगाए जाते हैं जिससे हादसों को रोका जा सके, लेकिन इसके बावजूद भी इन हादसों को रोक पाना काफी मुश्किल होता है। आए दिन होने वाल
Hum Tere Bin Kahin Rah Nahin Paate Lyrics of Sadak : Hum Tere Bin Kahin Rah Nahin Paate is a beautiful hindi song from 1991 bollywood film Sadak. This song is composed by Nadeem and Shravan. Anuradha Paudwal and Manhar Udhas has sung this song. Its lyrics are written by Sameer. सड़क (Sadak )हम तेरे ब
Zamaane Ke Dekhe Hain Rang Hazaar Lyrics of Sadak : Zamaane Ke Dekhe Hain Rang Hazaar is a beautiful hindi song from 1991 bollywood film Sadak. This song is composed by Nadeem and Shravan. Anuradha Paudwal and Abhijeet has sung this song. Its lyrics are written by Sameer. सड़क (Sadak )ज़माने के देखे ह
'सदाक' 1 99 1 की हिंदी फिल्म है जिसमें संजय दत्त, पूजा भट्ट, दीपक तिजोरी, सदाशिव अमरापुरकर, नीलिमा अज़ीम, जावेद खान, अवतार गिल, सोनी रजदन, पंकज धीर, मुश्ताक खान, मनोहर सिंह, सुहास भालेकर, गेविन पैकार्ड, कुमूद त्रिपति, जहांगीर, जय कुमार, जीपी सिंह और योगी प्रमुख भूमिकाओं में हैं। हमारे पास सदाक के 2
जरा इन मासूम बच्चों को अपनी संवेदनशील नजरों से देखिए, जिसमें 14 वर्ष की सपना और उसकी 11 वर्ष की बहिन साक्षी और 11 वर्ष के भैया जिन्हें अभी कुछ दिन पहले तक माँ-बाप का सहारा था, वे 1 जुलाई 2018 रविवार को भयानक सड़क दुर्घटना भौन-धु
भारत में गाड़ियां सड़क के बायीं ओर चलती है और मोटरकार की स्टेयरिंग दायीं ओर होती है, जबकि अमेरिका सहित अधिकांश पश्चिमी देशों में गाडियां सड़क के दायीं ओर चलती है और मोटरकार की स्टेयरिंग बायीं ओर होती है. लेकिन क्या आपको इसके पीछे का कारण मालूम है? यदि आप इस प्रश्न के उत्तर स
सुरक्षा नियमों का करना हैं सम्मान.धुँआ छोडती कोलाहल करती,एक-दो,तीन,चारपहिया दौड़ती, लाल सिंग्नल देख यातायात थमता, जन उत्सुकतावश शीशे से झांकता. +++++बीच सडक चौतरफा रास्ता,तपती दुपहरी में छाता तानता,जल्दी निकलने को हॉर्न बजाता,वाहनों के बीच फोन पर बतियाता.
तेज वाहन चलाने के शौकीनों से मेरी प्रार्थना है कि वे फार्मूला 1, 2, 3 आदि में भाग लें लेकिन शहर की उपेक्षित किन्तु अति दमित, पिटी हुई और नाराज सड़कों पर वाहन अंधाधुन्ध तेज चलाकर खुद की और औरों की जान जोखिम में न डालें । मैं कई बार देखता हूँ कि दायें बायें कहीं से भी निकल कर भागने वाले लोग और वे लोग
सत्य की सड़क मिथ्या की चाैखट पर पहुंचकरमात्र एक गैलरी रह जाती हैऔर शेष भूमि परकविताएं लिख दी जाती हैं,कविताएंजो कभी भी किसी भी सूरत मेंसड्कें नहीं बन सकतीं।प्रशस्ति पत्रों से लिपटी सहमी ग्रामीण दुल्हनों जैसी जीवन भर चक्की पीसती रहती है, रोटियां पकाती रहती है और उधर मिथ्या की काली गैलरी में जेबें काट