लखनऊ : सरकार जिस पकार आधार कार्ड की अनिवार्यतः कठोरता से लागू कर रही है उतना ही जनता को आधार कार्ड नाँवने में कठिनाई बढ़ती जा रही है। आधार जर्द ननानी के लिए जगह जगह बैठे ऐजेंट भी पब्लिक से मनमाने पैसे भी वसूल कर रहे है। आधार कार्ड बनाने और उसका प्लास्टिक कोटेड कार्ड निकालने में 200 रुपये तक वसूले जा रहे है।
देश में आधार नंबर जारी करने वाले प्राधिकरण UIDAI ने उससे जुड़ी पंजीकरण एजेंसियों को पंजीकरण नहीं करने के मामले में कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि तकनीकी व्यावधान और ऐसे ही दूसरे बहाने बनाकर नागरिकों का पंजीकरण करने से इनकार करने को 'भ्रष्ट गतिविधि' माना जाएगा।
विधमान नियमों का उल्लंघन करने पर एजेंसियों पर जुर्माना और बार-बार गड़बड़ी होने पर उन्हें काली सूची में डाला जा सकता है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा कि हमें इस बारे में कई शिकायतें मिल रही हैं कि हमारी वेबसाइट पर सूचीबद्ध आधार पंजीकरण करने वाले केंद्रों पर पंजीकरण नहीं किया जा रहा है।
कोई न कोई बहाना बनाकर पंजीकरण करने से इंकार किया जा रहा है। इस तरह की बहानेबाजी भ्रष्ट गतिविधि मानी जाएगी। देशभर में आधार पंजीकरण कराने के लिए 25,000 केंद्र हैं। सरकार ने इन सभी केंद्रों को बाहरी और निजी कार्य स्थल से हटकर सरकारी और नगर निगम परिसरों में स्थानांतरित होने को कहा है।
ऐसा होने पर ये एजेंसियां सीधे सरकारी निगरानी में आ जाएंगी। पांडे ने कहा कि इसकी कोई वजह नहीं है कि पंजीकरण एजेंसियां मशीन खराब होने अथवा तकनीकी खराबी होने का बहाना बनाकर लोगों का पंजीकरण नहीं करें। ऑपरेटर ही हमारी वेबसाइट पर सेवाओं को सूचीबद्ध करता है। इसके अलावा प्रत्येक ऑपरेटर को हर 10 दिन में अपने पंजीकरण का नवीनीकरण कराना होता है।
इससे संकेत मिलता है कि वह कामकाज करने की स्थिति में हैं। ऐसे में नियमों का उल्लंघन करने वाली एजेंसी पर पहली बार में 10,000 रुपए और दूसरी बार करने पर 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके बाद भी भ्रष्ट गतिविधि में लिप्त रहने वाली एजेंसी को काली सूची में डाल दिया जाएगा।