लखनऊः कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की साख पर बट्टा लग गया। वार्डन ने आधी रात में कड़ाके की ठंड के बीच छात्राओं के कपड़े उतरवाकर मैदान में परेड कराई। फिर बाहर ही खड़ा किए रखा। पूरी रात छात्राएं ठंड से ठिठुरतीं रहीं। रात भर मैदान में खड़े रहने से छात्राएं बेहोश हो गईं, उनके पैरों में सूजन भी गई। अभिभावकों के हंगामे के बाद मामले की जांच शुरू हो गई है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों को छह से आठ तक मुफ्त शिक्षा के लिए कस्तूरबा विद्यालय
खुला है।
सिर्फ इस बात के लिए भड़क गईं वार्डन
घटना मंगलवार रात की है। हॉस्टल ने छात्राओं पर बर्तन, कपडे और शौचालय की सफाई करने का दबाव डाला। छात्राओं ने कहा कि वे यहां पढ़ने के लिए आईं हैं। सफाई का काम चपरासी का है। इस पर वार्डन इतना बौखला गईं कि उन्होंने पहले छात्राओं की डंडे से पिटाई की। फिर अर्द्धनग्न कराकर खुले मैदान में खड़ा कर दिया। रात भर ठंड में खड़े होने से कई छात्राएं बेहोश हो गईं।
घर के गंदे कपड़े धुलवाती थीं वार्डन
छात्राओं ने आरोप लगाया कि वार्डन अपने घर से गंदे कपड़े लाकर धुलवाती थी। जो छात्राएं कपड़े धोती थीं उन्हें शाबासी देती थीं जो काम से इन्कार करती थीं उन्हें पिटाई कर वार्डन की ओर से अपमानित किया जाता है। बुधवार को पैरेंट्स मीटिंग के दौरान कुछ छात्राएं फूट-फूटकर रोने लगीं तो अभिभावकों के पूछताछ करने पर वार्डन की करतूत का खुलासा हुआ। जिस पर माल थाने में अभिभावकों ने वार्डन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।