*कुछ ऐसा करो इस नूतन वर्ष* शिक्षा से रहे ना कोई वंचित संग सभी के व्यवहार उचित रहे ना किसी से कोई कर्ष कुछ ऐसा करो इस नूतन वर्ष भले भरत को दिलवा दो सिंहासन किंतु राम भी वन ना जायें सीता संग सबको समान समझो सहर्ष कुछ ऐसा करो इस नूतन वर्ष मिलें पुत्रियों को उनके अधिकार पर न
माँ कहाँ गई आज माँ को गुज़रे हुए साल होने को आया। धीरे-धीरे सबनॉर्मल होने लगा था।सब काम धंधे पहले की ही तरह चलने लगे थे। एक दिन गीता (मेरी पत्नी) सफाई करते समय माँ की अलमारीको भी जो अस्त व्यस्त पड़ी थी, ठीक करने लगी जिसमे माँके पुराने कपड़े रखे थे।मैं उस समय वहीं खड़ा था। गीता मां का वह पीला सूट तहाने ल
शादी करके, घर में कलह करके, अलग होकर, मुझे रुलाकर आज चार साल बादघर से अलग होने के बाद बड़े बेटे का फ़ोन आया वह कुछ कहना ही चाहता था कि मैं आदतनशुरू हो गया, नालायक तेरी हिम्मत कैसेहुई, फ़ोन करने की तू तो उसी दिनही मर गया था हमारे लिए, जिस दिन ये घर छोड़ कर गयाथा, वो कुछ कहना ही चाहता था किमैंने फ़ोन पटक द
निर्वाचन क्षेत्र -भोपाल (मध्य प्रदेश)दल का नाम -भारतीय जनता पार्टी ( भा.ज.पा.)ईमेल -alok[DOT]sanjar[AT]sansad[DOT]nic[DOT]in aloksanjar[DOT]mp[AT]gmail[DOT]comजन्म की तारीख -04/04/1963उच्चतम योग्यता -प्रोफेशनल ग्रेजुएटशैक्षिक और व्यावसायिक योग्यता -बी.ए., एलएल.बी. बरकतुल्ला विश्वविद्याल