हम सभी के जीवन में कुछ ना कुछ अच्छे दिन या बुरे दिन होते हैं और हम अच्छे दिनों को भी यादों में सझोकर सोच में सुनहरे पल की तरह रखते हैं। सुनहरे पल बस खुशियों की यादों के होते है। और जिंदगी में सभी मनुष्य हैं मानव है सांसारिक जीवन में उतार चढ़ाव तो जीवन का महत्व समझाते ही हैं और उन्हें उतार चढ़ाव में हम सभी सुनहरे पल के साथ गुजरते है। इन सुनहरे पलों की यादें जीवन भर बनी रहती है और हम इन यादों के सहारे सोच कर भी जीवन जीते रहते हैं।
वह सुनहरे पल ही तो होते है जो हमारे आपकी जिंदगी के साथ-साथ आंखों में सपनों की तरह बसे रहते हैं।
अनीता और सुनीता दो बहने जो की एक गांव में रहती है जिनके माता-पिता बचपन में गुजर गए थे। गांव में गुजर बसर के लिए कुछ जमीन और एक मकान छोड़ गए थे। अनीता सुनीता दोनों ही हम उम्र थी और दोनों ही देखने में बहुत सुंदर और गदराए बदन की मांसल देह की खूबसूरत जवान 20 और 22 साल की थी। अनीता और सुनीता के विचार दोनों के अलग थे। अनीता चंचल स्वभाव की और सुनीता गंभीर थी। अनीता अपनी चंचल स्वभाव के कारण गांव खेत में घूमती रहती थी और अचानक एक दिन अनीता को कुछ गांव के गुंडो ने खेत में घसीट कर उसके साथ गलत कार्य कर दिया और वह कुछ ना कर सकी बस बदहवास के साथ-साथ घर पहुंची और सारी बात अपनी बहन सुनीता को बताई सुनीता भी कुछ ना कर सकी दोनों बहने मुंह चुप कर कर रह गई कुछ दिनों बाद अनीता को गर्भ ठहर गया और यह बात सुनीता को बताई। आप सुनीता और अनीता दोनों जल्दी-जल्दी गांव का मकान बेचकर जमीन बेचकर शहर की ओर चल देती है और शहर रामनगर में एक मकान और एक खाने का होटल खोलती है उधर अनीता एक लड़के बच्चे को जन्म देती है और सुनीता और अनीता खुश भी होती है और दुखी भी होती है इस बच्चे को किसका नाम देंगे वह दोनों बहने बच्चों को पालती है बड़ा करती हैं। दोनों शादी तो अभी कर नहीं सकते क्योंकि हम इस शहर में नये है और हमें को जानता भी नहीं हम कुछ दिन बाद सोचते और इसी दौरान बच्चा किसी बीमारी से मर जाता है दोनों बहनों को दुख भी होता है।
होटल चलाने लगती है होटल से कमाई होने लगती है। अब सुनीता और अनीता होटल में 2-4 नौकर भी रख लेती है। उनका जीवन खूब शान से व्यतीत होने लगता है और वह गांव की सब भूली बिसरी यादें भूल जाती हैं अब शहर उनको रास आ जाता है इधर अनीता भी होटल में एक मैनेजर से शादी कर लेती है उधर सुनीता भी उसी के भाई से शादी कर लेती है अब जीवन के सुनहरे पल उनके जीवन में खुशियों के साथ कर बंगला गाड़ी के साथ होने लगते है। और भविष्य का कुछ पता नहीं होता अनीता और सुनीता अपने पतियों के साथ घूमने पहाड़ों पर जा रही होती हैं और उनकी दोनों कारों का एक्सीडेंट हो जाता है और उन दोनों कार एक्सीडेंट में सुनीता और अनीता बच जाती है। दोनों ही कुछ दिनों बाद दो लड़कियों को जन्म देती है और फिर अपने होटल पर आकर बैठ जाती हैं किस्मत और भविष्य का सुनहरे पल का दौर बदल जाता है बस यही जीवन का उतार-चढ़ाव और भविष्य होता है।
अनीता और सुनीता अब शुरू से अपने जीवन में सुनहरे पल और दुख भरे पल दोनों याद करती हैं और अनीता सुनीता कहती हैं कि अब हम सुनहरे पल की याद अपने जीवन में रखेंगे और दोनों लड़कियों को बड़ा करके हम जीवन को सफल बनाएंगे। सुनीता और अनीता दोनों कमाई में व्यस्त हो जाती हैं और दोनों बेटियां सुनहरे पल के साथ-साथ जवान हो जाती हैं बस दोनों की जिंदगी शुरू हो जाती है यही बस सुनहरे पल की यादें रह जाती है।