नई दिल्लीः समाजवादी पार्टी में दो फाड़ होने के बाद चुनाव चिह्न पर दावेदारी को लेकर आयोग ने मुलायम और अखिलेश पक्ष की दलीलें सुनीं। दोनों पक्षों को दलीलें देते-देते ठंड में पसीना आ गया। मगर आयोग ने फिलहाल साइकिल चुनाव चिह्न पर ब्रेक लगा रखा है। कहा जा रहा है कि आयोग तुरंत फैसला सुनाने के मूड में नहीं है। इसके लिए दो से तीन दिन दोनों पक्षों को इंतजार करना पड़ सकता है।
सिब्बल बोले-अखिलेश ही हैं साइकिल के हकदार
अखिलेश खेमे की ओर से कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने आयोग में पक्ष रखा। कहा कि चुनाव चिह्न पर विवाद की स्थिति में फैसला बहुमत के आधार पर होता है। उन्होंने सिंबल आदेश के सेक्शन 15 का हवाला देते हुए कहा कि पार्टी में प्रतिनिधि, विधायकों, विधान पार्षदों और सांसदों का दो तिहाई से ज़्यादा बहुमत अखिलेश के साथ है, इसलिए उनका चुनाव चिह्न पर दावा बनता है। वहीं मुलायम सिंह ने भी अपना पक्ष रखा। कहा कि चिह्न पर राष्ट्रीय अध्यक्ष का अधिकार होता है। प्रो. रामगोपाल ने जो अधिवेशन बुलाया था वह फर्जी था, बगैर राष्ट्रीय अध्यक्ष की अनुमति के कोई अधिवेशन नहीं आयोजित हो सकता है। चूंकि सपा के वही राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, इस नाते साइकिल चुनाव चिह्न पर उनका हक है।