नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बेहद करीबी माने जाने वाले दो उद्योगपतियों को सरकार ने बड़ा झटका दिया है। एक ओर जहाँ रिलायंस इंडस्ट्री पर ओएनजीसी के ब्लॉक से गैस चोरी के मामले में 10 हजार करोड़ का मुवावजा भरने को कहा गया है वहीँ गौतम अडानी के एनजीओ का रजिस्ट्रशन रिन्यू करने से सरकार ने इनकार कर दिया है। केंद्र सरकार ने एफसीआरए एक्ट का उल्लंघन करने वाले 25 एनजीओ के लाइसेंस रिन्यू करने से इंकार किया है। इन 25 एनजीओ में कई बड़े उद्योगपतियों और राजनीति क लोगों के एनजीओ भी है। इनमे अडानी फाउंडेशन, इंदिरा गाँधी नेशनल सेंटर ऑफ़ आर्ट, ऑक्सफ़ैम इंडिया ट्रस्ट, संजय गाँधी मेमोरियल ट्रस्ट शामिल हैं। इससे पहले सरकार ने 11319 एनजीओ का लाइसेंस रद्द कर दिया था। इन एनजीओ पर आरोप था कि ये राष्ट्रहित के विपरीत काम कर रहे थे।
हालांकि सरकार ने पहले इन एनजीओ का नाम सार्वजानिक करने से इंकार कर दिया था। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि उसने उन 11,319 संगठनों का पंजीकरण रद्द कर दिया है जिन्होंने इस साल 30 जून तक एफसीआरए के तहत पंजीकरण के नवीकरण के लिए आवेदन नहीं किया था। ‘उनके पंजीकरण की वैधता एक नवंबर, 2016 से समाप्त मानी जाएगी।’
इस सूची में करीब 50 अनाथालय, सैकड़ों स्कूल और संस्थान जैसे भारतीय सांख्यिकी संस्थान और समाज के वंचित बच्चों के लिए काम करने वाले प्रतिष्ठित एनजीओ शामिल हैं। वर्ष 2015 में गृह मंत्रालय ने 10,000 गैर सरकारी संगठनों के एफसीआरए पंजीकरण इसलिए रद्द किए थे क्योंकि इन्होंने लगातार तीन वर्षों के अपने सालाना रिटर्न दाखिल नहीं किए थे।