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अधुरी

21 सितम्बर 2021

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अपने को अधुरी समझने लगी हूं मैं

जिंदगी के धुप,छांव से जुझने लगी हूं मैं!

    --   रीना झा

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अधुरी
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खो गयी हूंँ मैं, हूंँ इसी जमीं पर , पर अपनों के बीच खो गयी हूं मैं!

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