नई दिल्लीः विदेश सचिव जयशंकर का एक साल कार्यकाल बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने 95 साल पुराना नियम ही तोड़ दिया। यह सब इसलिए हुआ कि जयशंकर के काम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी खुश रहे। जयशंकर का कार्यकाल
अब एक साल यानी 28 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया।
सेवा नियमावली में हुआ संशोधन
जयशंकर का दो साल का कार्यकाल रविवार को ही खत्म हुआ। इससे पहले ही प्रधानमंत्री के निर्देश पर कार्मिक मंत्रालय ने सेवा विस्तार के लिए मूलभूत नियमावली, 1922 के एक प्रावधान में संशोधन किया। जिससे अब केंद्र सरकार को पॉवर मिल गया कि वह जरूरत होने पर विदेश सचिव का एक वर्ष तक कार्यकाल बढ़ा सकती है। दरअसल अभी तक जो व्यवस्था थी उसके मुताबिक सीबीआई निदेशक के अलावा विदेश, रक्षा और गृह सचिवों को दो साल का कार्यकाल निर्धारित था। अब नियमावली संशोधित होने पर सरकार एक साल के लिए कार्यकाल बढ़ा सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नियुक्ति संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति ने यह फैसला किया।
सुजाता के बाद संभाल था चार्ज
29 जनवरी, 2015 को सुजाता सिंह के रिटायर होने से महज कुछ दिन पहले ही वर्ष 1977 बैच के आईएफएस अधिकारी जयशंकर को विदेश सचिव नियुक्त किया गया था। एस जयशंकर को कार्यकाल में एक साल का विस्तार मिलने से इटली में भारत के राजदूत अनिल वाधवा (1979 बैच), सचिव (पश्चिम) सुजाता मेहता समेत कई वरिष्ठ नौकरशाह बिना शीर्ष पद हासिल किए सेवानिवृत हो जाएंगे. जयशंकर के स्थान पर मुख्य दावेदार समझे जाने वाले चीन में भारत के राजदूत विजय गोखले जनवरी, 2019 के आखिर में सेवानिवृत हो रहे हैं।