दो महीने हो गये। शांति देवी की हालत में कुछ भी सुधार ना हुआ। पुरुषोत्तम बाबू को उनके मित्रों और रिश्तेदारों ने सुझाव दिया कि एक बार अपनी पत्नी को मनोचिकित्सक से दिखवा लें। पुरुषोत्तम बाबू को सुझाव सही लगा। अगले ही दिन अपने बड़े पुत्र सौरभ एवं पुत्रवधू संध्या के साथ अप