नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब पिछली बार ओबामा सरकार के दौरान अमेरिका की यात्रा पर गए थे तब वह प्रवासी भारतीयों का प्यार पाकर गदगद हो गए थे। मेडिसन स्क्वायर गार्डेन में 18000 प्रवासी भारतीयों को पीएम मोदी ने संबोधित किया था।
इस साल जून में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब अमेरिका यात्रा पर जायेंगे तो वहां लाखों की संख्या में रह रहे प्रवासी भारतीयों को इसका बेसब्री से इंतज़ार होगा। ट्रम्प के आते ही भारतीयों पर अमेरिका में नस्लीय हमले बढे हैं।
अमेरिका में रह रहे भारतीयों के सामने अब चुनौती अमेरिका में नौकरी बचाने का हो चुका है अब अमेरिका में H-1B बीजाधारकों की पत्नियों की नौकरी भी खतरे में है। ओमाबा सरकार ने अमरीका में इसको अनुमति दी थी लेकिन अब ट्रम्प सरकार ने इसके खिलाफ अदालत में चुनौती दी है।
गौरतलब है कि H-4 वीजा मुख्य रूप से H-1B वीजाधारकों के पतियों या उनकी पत्नियों को मिलते हैं। इसके जरिए वह अमेरिका में जॉब या बिजनेस शुरू कर सकते हैं। साल 2015 में ओबामा सरकार ने यह नियम लागू किया था कि H-1B वीजाधारकों के योग्य पतियों या पत्नियों को रोजगार प्राप्त करने का अधिकार दिया जो अमेरिका का ग्रीन कार्ड मिलने का इंतजार कर रहे थे।
इस नियम फैसले के खिलाफ अमेरिका की एक संस्था 'सेव जॉब्स यूएस' ने अदालत में चुनौती दी थी लेकिन अदालत ने कहा था कि इस पर रोक लगाने का कोई तार्किक आधार नही है। इसके बाद यह संस्था अमेरिका की अन्य अदालत चली गई थी और ट्रम्प सरकार ने इसका समर्तहन किया था।