"विचित्रा"झुँझला गई विचित्रा जब सरिता ने उसकी एक रचना पर अपनी अभिव्यक्ति कुछ इस प्रकार से कर दिया। अरे विचित्रा, तुम्हारे भाव तो बड़े सुंदर हैं पर वर्तनी कौन दुरस्त करेगा, तनिक इस पर भी ध्यान दो बहना। विचित्रा का पारा चढ़ गया और उसने नसीहत दे डाली सरिता तुम अपने आप को समझती