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मन

1 फरवरी 2023

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मीत हो मनका मीत पिया हो मन का
जी ऐसा पी हो मन का
चाह रही यही सदा
ऐसा हो मीत मन का, 
मैने निभाए अपने हर रिश्ते बड़ी
शिद्दत से हा बड़ी ही शिद्दत से
नही मुझे चाह हाथो मै लिए हाथ
तुम संग घूमो बाग बगीचे हाट बाजार,
  पर
करती आशा तुम से 
लौट जब तुम आओ  हर
शाम दफ्तर से ,
जरा पूछ लिया करो
कैसी हो तुम बस मुस्करा भर दिया करो ।
होगा पूरा दिन मेरा
यह छोटी सी लिए आशा ।
हा मुझे है पता जिम्मेदारी भरा कार्यक्षेत्र तुम्हारा,
पर
मेरा भी तो काम कोई आसान नही
इसका रखना होगा ख्याल तुम्हे
मुझे परवाह मेरे सारे रिश्ते नाते की, कांधे  ली जिम्मेदारी मैने घर संसार की,
तुम्हे यह भी मानना होगा ।
पर
करती क्या दिनभर करा क्या तुमने आजतक ?
तुम्हे यह न जतलाना होगा
जीवन के अनछुए पल 
एकांत मै ही सही कह दिया करो
कभी तो कह दिया करो
चाहु मै तुम से
अच्छा हुआ तुम मिली जीवन मै
मुझे जतला दिया करो ,
सुन सफल होगा जीवन मेरा
जी उठूंगी मै ।
करेंगे जीवन मै संचार जीने के लिए ,
यह तुम्हारे दो शब्द प्यार भरे ।
मीत हो मन का
चाह चांद तारो की नही
पर
बस कह दो तुम
काम करते देख पल भर को 
कह दो बस एक बार 
बैठ जाओ पास मेरे,कहो तुम
तुम थक गई होगी 
सुन खुश मै पल भर हो लूंगी
जरा इतरा मै लूंगी ,
नाज खुद पर मै कर लूंगी ।
खुशियों भरा संसार मेरा
दो शब्द मीठे सुन मन प्रसन्न होगा
सज सवर जायेगा जीवन मेरा
मीत हो मन का ,
मीत हो मन का,
   
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रचनाएँ
इच्छा
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सभी इच्छायें जहाँ होंगी वहाँ कोई ना कोई जाल मिलेगा, उसमें फँस कर ख़ुश होता इंसानी लाल मिलेगा। ज़रूरतें पूरी हो जाना ही सिर्फ़ काफ़ी नहीं, दूसरों की नक़लों में हरपल बहाता माल मिलेगा। संतुष्ट नहीं होता अपनी हैसियत और हस्ती से, और-और करके हरदम बजाता गाल मिलेगा। जीवन से ज्यादा सामग्रियाँ इकट्ठी कर ली, पीढ़ियों की चिंता करता मानवता का दलाल मिलेगा। आवश्यकता और इच्छा दो अलग अलग चीजें हैं, अनंत इच्छाओं के बीच ज़रूरत नन्हा सा बाल मिलेगा। आवश्यकता नवीनता की भेंट चढ़तीं ही जातीं, अंग बेचकर भी उसको ख़रीदता बदहाल मिलेगा। सब कुछ रखकर भी बैठता नहीं सुख से, नई इच्छाओं को खोजता पागलों का हाल मिलेगा। भूल जाता शरीर की माँग बहुत सीमित है, अमीर या ग़रीब दोनों को रोटी और दाल मिलेगा। स्वर्ग में सीढ़ी की इच्छा तो रावण नें भी कर ली। स्वर्ण नगरी वालों को राम के हाथों काल मिलेगा। छोटी सी ज़िंदगी में इच्छाओं से लदा रहता, यम को देख अंत में जीवन का मलाल मिलेगा । परमात्मा की इच्छा ही है सबसे सच्ची इच्छा, माँग ले परमात्मा को “रश्मि” तुझको प्रतिपाल मिलेगा। *******

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