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काश

2 फरवरी 2023

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        काश 
हर कोई सब कुछ चाहता है। 
इंसान हर दिन एक इच्छा करता है। 
जो उसे नहीं मिल पाता है तो भी लेना चाहता है। 
यदि ऐसा ही है तो व्यक्ति काश ये मेरे पास होता, 
काश वो मेरे पास होता, काश ये मेरे को मिल जाए। 
ऐसा क्यों बोलता हैं। .................काश 
जब उसे पता है कि वो उसे थोड़ी सी मेहनत से मिल सकती है, काश क्यों फिर अगर व्यक्ति चाहे तो क्या नहीं ले सकता। 
क्योंकि वो पाना तो बहुत बड़ा खजाना और सब लेना चाहते हैं। परन्तु वो मेहनत नही करना चाहता है। 
क्योंकि इंसान हर दिन मशीनी तकनीकी के भरोसे बैठे हैं। 
वो भूल गए हैं कि जिंदगी में मेहनत की कदर क्या है। और मशीन भी एक इन्सान ने ही बनायी हैं। जो लिमिट में ही खुद काम करती है फिर उसे भी जंग लग जाना है। और ये सच लोग भूल कर पुरी तरह मशीन पर निर्भर करता है। काश कोई समस्या का हल नहीं है। जैसे इंसान मशीनों को बनाता हैं और उसके ख़राब होने पर उसे ठीक करता है। उसी तरह वो अपने जीवन में खुद परिश्रम करके अपने आप मेहनत क्यो भूल गया अगर इंसान ही खुद विश्वास खो कर बैठा रहेगा तो उसमें भी तो जंग लग जाते हैं तो काश को भूल कर अपनी असली जिंदगी में मिठास भर देना ही इंसान को इंसान ही सही जीवन में आगे बड़ा सकता है और अपने आप जो चाहे ले सकता है। काश की फिर कोई जगह नहीं रह जाती, बेहतरीन और सब कुछ पाने के लिए मशीनों और काश को भूल कर अपनी मेहनत कर के चलो सभी तुम्हारा होगा। काश की फिर जिंदगी में कोई काम या बात नहीं होगी। बेहतरीन जिंदगी के लिए थोडा अपने जीवन में बदलाव जरुरी है। 
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रचनाएँ
इच्छा
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सभी इच्छायें जहाँ होंगी वहाँ कोई ना कोई जाल मिलेगा, उसमें फँस कर ख़ुश होता इंसानी लाल मिलेगा। ज़रूरतें पूरी हो जाना ही सिर्फ़ काफ़ी नहीं, दूसरों की नक़लों में हरपल बहाता माल मिलेगा। संतुष्ट नहीं होता अपनी हैसियत और हस्ती से, और-और करके हरदम बजाता गाल मिलेगा। जीवन से ज्यादा सामग्रियाँ इकट्ठी कर ली, पीढ़ियों की चिंता करता मानवता का दलाल मिलेगा। आवश्यकता और इच्छा दो अलग अलग चीजें हैं, अनंत इच्छाओं के बीच ज़रूरत नन्हा सा बाल मिलेगा। आवश्यकता नवीनता की भेंट चढ़तीं ही जातीं, अंग बेचकर भी उसको ख़रीदता बदहाल मिलेगा। सब कुछ रखकर भी बैठता नहीं सुख से, नई इच्छाओं को खोजता पागलों का हाल मिलेगा। भूल जाता शरीर की माँग बहुत सीमित है, अमीर या ग़रीब दोनों को रोटी और दाल मिलेगा। स्वर्ग में सीढ़ी की इच्छा तो रावण नें भी कर ली। स्वर्ण नगरी वालों को राम के हाथों काल मिलेगा। छोटी सी ज़िंदगी में इच्छाओं से लदा रहता, यम को देख अंत में जीवन का मलाल मिलेगा । परमात्मा की इच्छा ही है सबसे सच्ची इच्छा, माँग ले परमात्मा को “रश्मि” तुझको प्रतिपाल मिलेगा। *******

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