काश
हर कोई सब कुछ चाहता है।
इंसान हर दिन एक इच्छा करता है।
जो उसे नहीं मिल पाता है तो भी लेना चाहता है।
यदि ऐसा ही है तो व्यक्ति काश ये मेरे पास होता,
काश वो मेरे पास होता, काश ये मेरे को मिल जाए।
ऐसा क्यों बोलता हैं। .................काश
जब उसे पता है कि वो उसे थोड़ी सी मेहनत से मिल सकती है, काश क्यों फिर अगर व्यक्ति चाहे तो क्या नहीं ले सकता।
क्योंकि वो पाना तो बहुत बड़ा खजाना और सब लेना चाहते हैं। परन्तु वो मेहनत नही करना चाहता है।
क्योंकि इंसान हर दिन मशीनी तकनीकी के भरोसे बैठे हैं।
वो भूल गए हैं कि जिंदगी में मेहनत की कदर क्या है। और मशीन भी एक इन्सान ने ही बनायी हैं। जो लिमिट में ही खुद काम करती है फिर उसे भी जंग लग जाना है। और ये सच लोग भूल कर पुरी तरह मशीन पर निर्भर करता है। काश कोई समस्या का हल नहीं है। जैसे इंसान मशीनों को बनाता हैं और उसके ख़राब होने पर उसे ठीक करता है। उसी तरह वो अपने जीवन में खुद परिश्रम करके अपने आप मेहनत क्यो भूल गया अगर इंसान ही खुद विश्वास खो कर बैठा रहेगा तो उसमें भी तो जंग लग जाते हैं तो काश को भूल कर अपनी असली जिंदगी में मिठास भर देना ही इंसान को इंसान ही सही जीवन में आगे बड़ा सकता है और अपने आप जो चाहे ले सकता है। काश की फिर कोई जगह नहीं रह जाती, बेहतरीन और सब कुछ पाने के लिए मशीनों और काश को भूल कर अपनी मेहनत कर के चलो सभी तुम्हारा होगा। काश की फिर जिंदगी में कोई काम या बात नहीं होगी। बेहतरीन जिंदगी के लिए थोडा अपने जीवन में बदलाव जरुरी है।