नई दिल्ली : पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक से पूरी तरह से बौखलाए हुए हैं। जम्मू-कश्मीर की सीआईडी और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली है कि ये दोनों मिलकर भारत की संसद पर फिर हमला करने जैसी वारदात कर सकते हैं।
जिसके बाद संसद की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। 'टाइम्स ऑफ़ इंडिया' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक ख़ुफ़िया एजेंसियों को जानकारी मिली है कि जैश ऐ मोहम्मद साल 2001 की तरह फिर हमला कर सकता है।
एजेंसियों को मिली सूचना के अनुसार अगर ये आतंकी संसद में हमला करने में नाकामियाब हुए तो वह दिल्ली सचिवालय को भी निशाना बना सकते है। इसके अलावा अक्षर धाम और लोटस टेम्पल भी इनका निशाना हो सकता है।
पिछले हफ्ते ख़ुफ़िया एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि जम्मू कश्मीर के कुलगाम से दो फिदायीन आतंकी सेबों के ट्रक में छिपकर दिल्ली आने में कामयाब हुए हैं, साथ ही इनके पास इनके पास क्लाशनिकोव राइफलें और अन्य घातक हथियार हैं।
सुरक्षा एजेंसियों को हमले की आशंका सिर्फ जेईएम से ही नहीं बल्कि जैश-उल-हक-तंजीम से भी है, यह दूसरा संगठन जेईएम से ही अलग होकर बना है। इसका सरगना मौलाना अब्दुर्रहमान (मार) है। दिसंबर 1999 में काठमांडू, नेपाल से दिल्ली आ रही इंडियन एयरलाइन्स की उड़ान आईसी-814 के अपहरण और फिर उसे अफगानिस्तान के कंधार ले जाने में रहमान की अहम भूमिका थी।
इस विमान में चालक दल के सदस्यों सहित 191 लोग थे, इनमें से 190 बचा लिए गए थे। हालांकि इसके बदले भारत को मसूद अजहर सहित तीन आतंकी अपनी गिरफ्त से छोड़ने पड़े थे।