"अंधेरा ना फटके! "
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अन्धकार ना आये
कुछ ऐसा जातां करो !
सेना बन खड़े रहो
ऐसी हूंकार भरो |
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भारत का बच्चा -बच्चा
जब तक पूर्णतया
सच का लबादा लेकर
ना उठकर जागेगा
असत्य- हवा बहेगी
हिल- हिल के कांपेगा ?
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पाषाण पैच बनाकर
सत्य लतियाता मिलेगा
बहाने आसमान के
वह धकियाता मिलेगा
धरा पर आना -जाना
गाना गाता मिलेगा |
मनसा मनोबल 'मंगल'
जागो- जगाना होगा |
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बागी बनाने के पहले ही
अँधियारा मिटाना होगा |
जो अपरिचित हैं उनको भी
सड़क घेर चलने के चाव में
और वे जी रहे पूरे तनाव में
आया गिरफ़्त मछेरे का बयान
उछल कूद आ गया मेरे नाव में |
-सुखमंगल सिंह ,अवध निवासी