"श्रीराम मंदिर निर्माण और क्षेत्रीय विकास"
श्री राम मंदिर निर्माण शुरु हो गया । राम मंदिर निर्माण के साथ-साथ अयोध्या के विकास पर भी सरकार प्रतिबद्ध है।
अयोध्या नगरी में देश का बड़ा आध्यात्मिक केंद्र बने और धार्मिक पर्यटन स्थलों की योजना पर सरकार कार्य कर
रही है।
काव्य प्रभाकर के रचयिता जगन्नाथ प्रसाद भानु कवि जी ने श्री राम जी के लिए ने लिखा -
सतयुग धारणा सुधांय औ समाधि साधि,
त्रेता युग यज्ञ कर लेत धाम है।
द्वापर में जप तप संयम नियम बांधि,
पूजी बहु भांति अर्थ लहत ललाम हैं।
अब कलिकाल में दीसत उपाय कछु,
शरण विहाय सब जतन निकाम हैं।
कर्म धर्म हूं तें हीन जन जोऊ सोऊ,
सुगति बनाय लेत ध्यान सीताराम हैं।
भाषत बनत नाहीं माया और ब्रह्म सम,
रति काम हू तें दोऊ अति अभिराम हैं।
सुछवि सिंगार इक ठौर किमि कहि जाहिं,
उन हू ते लागत ये अधिक ललाम हैं।
खोजि खोजी हारे कवि कोविद अनेक विधि,
ताऊ उर लागीं सब उपामा निकाम हैं।
भने कवि भानु हिये निहिचै विचारि देखो,
सीताराम समता कौ वेई सीताराम हैं।|
शास्त्र पुराण करे पुकार
तीर्थराज प्रयाग है प्रयाग !
बड़ी सबसे अयोध्या नगरी
श्री राम जहां लिए अवतार।(सुखमंगल सिंह )
अयोध्या नगरी में पर्यटकों के ठहरने के लिए विश्राम स्थल बनाने की जहां योजना है वहीं श्रद्धालुओं की सुविधा
का भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है | सूत्रों अनुसार सौंदर्यीकरण सुरक्षा आदि का भी व्यापक प्रबंध किया जाना है।
चारों तरफ से अयोध्या आने के लिए मार्गो को विकसित किया जा रहा है| चौड़ा किया जा रहा है हवाई मार्ग को
विकसित किया जा रहा है| उत्तर प्रदेश के वर्तमान माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के आनन का पुनरुद्धार करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे दिए।
अयोध्या की होने वाली परिक्रमा मार्ग में सुविधाओं की व्यापक व्यवस्था आवश्यकता के अनुरूप करने के भी निर्देश दिए जा चुके हैं। प्रवेश मार्गों पर गेट का निर्माण किया जाना, कुडों का जीर्णोद्धार, पर्यटन सुविधा केंद्र की स्थापना पार्किंग,यात्री सुविधाओं के लिए धर्मशाला आदि का निर्माण सहित विभिन्न कार्यों पर कार्य किया जा रहा है।
आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, लोक निर्माण विभाग, विकास के कार्यों में अयोध्या में लगे अन्य विभागों को भी कार्य में लगाया गया है।सरकार ने विदेशी श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बड़ी संख्या में अच्छे और पेड ग्राउंड तैयार करने की योजना बनाई है।
अयोध्या में राम की पैड़ी का सुंदरी करण, लाइटों की अच्छी व्यवस्था, हाल का निर्माण। हाल का निर्माण जिसे अनेक आयोजनों उपयोग में किया जा सकता है। लक्ष्मण किला, गुप्तार घाट, राजा दशरथ जी की समाधि स्थान पर भी फोकस किया गया है। श्री राम कथा के विस्तारीकरण पर जो अनवरत होती रहती है पर विशेष ध्यान दिया गया।
राम मंदिर के प्रस्तावित नक्शे की अदायगी महासचिव , ट्रस्ट ने, अयोध्या विकास प्राधिकरण बोर्ड को- दो करोड़ 11 लाख 33184 रूपया बुधवार 2 सितंबर 2020 को जमा कर दिया।
अयोध्या में राम मंदिर के साथ ही पर्यटकों को ध्यान में रखकर यग्रोबेस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना का खाका तैयार किया जा रहा है जिसके माध्यम से अयोध्या क्षेत्र को ब्रांड बनाया जा सकेगा।
अयोध्या क्षेत्र में सांस्कृतिक,पौराणिक और इससे संबंधित वस्तुओं को भी लघु उद्योग से जोड़ने का कार्य किया जाएगा।
पर्यटकों की जिज्ञासा का विशेष रूप से ध्यान रखा गया पर्यटकों को कौन सी वस्तुएं चाहिए। उन वस्तुओं को जो अयोध्या में मशहूर हो, साथ ले जाने के लिए पर्यटक लालाईत होंगे का भी ध्यान दिया गया है। इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए संस्कृति विभाग, लघु जो विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण सहित अन्य सभी विभागों को कार्य पर लगाया गया।
अयोध्या नगरी में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के निर्माण पर भी कार्य निर्धारण होना है परंतु इस उद्देश्य के लिए अभी कोई स्थान निर्धारित नहीं किया गया है | अभी हाईवे के दोनों किनारों पर बसे लोगों को ही ट्रेनिंग देकर फाइनेंसिंग करके सुविधा मुहैया कराई जानी है।समयानुसार बदलाव की संभावना की जा सकती है |
श्री राम जन्मभूमि में स्थित जर्जर अवस्था में पहुंचने वाले मंदिर अथवा पहुंच चुके मंदिरों , जन्म स्थान जैसे सीता रसोई, बहराइच मंदिर ,साक्षी गोपाल मानस मंदिर, आनंद भवन ,कुबेर भवन और राम मंदिर शिलान्यास स्थल पर निर्मित कबूतरों को हटाया गया।(साभार अमर उजाला सित 7,20)
अयोध्या धाम आने जाने की अच्छी सुविधा हो, पर्यटकों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए तीन अदत कारीडोर के निर्माण का प्रस्ताव रखा गया ।
भक्तों की भीड़ से निपटने के लिए सहादतगंज से श्री राम जन्म भूमि तक 11 किलोमीटर फोरलेन कारीडोर बनेगा , लखनऊ हाई वे के महोदय से टेढ़ी बाजार से होते हुए राम जन्म भूमि तक एलिवेटेड रोड का प्रस्ताव रखा गया है
और राम की पैड़ी के पास फोरलेन सड़क से हनुमानगढ़ी होकर राम मंदिर तक फोरलेन की भी योजना है।
अयोध्या नगरी के श्री राम मंदिर ट्रस्ट के नेतृत्व में मंदिर की नींव के पहले पाइलिंग टेस्टिंग के दौरान सोमवार 14 सितंबर 20 तक दूसरा पिलर का निर्माण देर रात्रि तक हो गया है। मंदिर के चारों कोने पर चार पिलर और मध्य में एक पिलर बनाकर 100 फीट की गहराई तक ले जाया जाना है। पहले पिलर का निर्माण शुक्रवार को ही दूसरे पिलर से पहले ही हो चुका था।पहले स्तंभ का निर्माण शेष अवतार मंदिर मार्ग पर कराया गया है और दूसरी पिलर का निर्माण सीता रसोई के सामने किया गया।
अयोध्या में श्री राम मंदिर ट्रस्ट से क्लोन चेक द्वारा जालसाज़ी करके रुपया निकालने का एक चक्कर हुआ। तीसरा चेक बैंक में लगाए जाने के बाद मंदिर ट्रस्ट के महासचिव ने कोतवाली अयोध्या में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जिसकी जांच के उपरांत एसबीआई ने ₹600000, 14 सितंबर को ट्रस्ट के खाते में जमा कर दिया।
अंतिम तीसरा शेख जालसाज ने नव लाख 86 हजार का बैंक में चेक लगाया था जिस पर रोक लग गई है। इस कुचक्र को ध्यान में रखकर खाते को सुरक्षित रखने के लिए दृष्टि से ट्रांसफर होने वाले पैसे को आरटीजीएस पेमेंट का तरीका भविष्य में ट्रस्ट द्वारा अपनाया जाएगा।
अगस्त बीस में राम मंदिर,
निर्माण कार्य पुनः स्थापित हो,
ऐसे में पुन्य क्षेत्र की नदियों का,
जल और सागर से आया।
गोमुख से गंगा जल लेकर ,
गंगा महासभा ने ससम्मान भिजवाया
गंगा सेवानिधी काशी ने,
रामनगर से पवित्र मिट्टी पहुंचाया
देश के सभी पुण्य क्षेत्र से,
विविध पूजन सामग्री अयोध्या
श्री राम मंदिर के लिए आया |(सुख मंगल सिंह )
राम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण के लिए गर्भगृह स्थल पर समतलीकरण के दौरान मिले अवशेष राम जन्म भूमि की प्रामाणिकता की पुष्टि कर रहे थे। अयोध्या नगरी के संतों का मानना है कि अवशेष में मिले मंदिर के शेष करीब 2000 वर्ष पुराने हैं। मंदिर निर्माण की प्रक्रिया मई में ही तेज हो गई थी। समतलीकरण के दौरान खुदाई में देवी देवताओं की मूर्तियां शंख चक्र शिवलिंग की आकृति ब्लैक टचस्टोन सेंड स्टोन सहित अन्य अवशेष भी प्राप्त हुए। साधु संतों का कहना था कि खुदाई में मिले सभी अवशेष सनातन धर्म संस्कृत के धार्मिक गौरव की महत्ता को दर्शा रहे हैं। भूमि विवाद लंबे समय तक चलने के कारण और अदालती कार्रवाई में सुप्रीम कोर्ट के मंदिर के हक में दिए गए फैसले को सभी ने सहर्ष स्वीकार किया। खुदाई में मिले अवशेषों को राम जन्मभूमि परिसर में संग्रहालय बनाकर संरक्षित करने की बात चली ताकि राम मंदिर की प्रामाणिकता का इतिहास हमेशा हमेशा जीवन करें।
समतलीकरण के दौरान मंदिर के अवशेषों से साबित हो रहा है कि वहां बहुत बड़ा विशाल मंदिर था इन अवशेषों को संग्रहालय बनाकर संरक्षित किया जाना आवश्यक है। आचार्य सत्येंद्र दास जी कहते हैं अवशेषों से साबित होता है कि यहां भव्य राम लला का मंदिर था मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है जो लोग कह रहे थे कि वहां मंदिर नहीं है उन्हें आप सबक लेना चाहिए। महंत कन्हैया दास रामायणी ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के हक में जो निर्णय दिया है मिल रहे अवशेषों से उसके फैसले को बल मिल रहा है। राजू दास पुजारी जी ने कहा खुदाई में मिले अवशेष इस बात को स्पष्ट करते हैं कि यही भगवान श्रीराम का जन्म स्थान है। महंत कमल नयन दास जी ने कहा समतलीकरण के दौरान मिल रहे पुनर अवसरों से साबित हो रहा है कि वहां बहुत बड़ा विशाल मंदिर था इन अवशेषों को संग्रहालय बनाकर संरक्षित किया जाना चाहिए।
-सुख मंगल सिंह ,अवध निवासी