नई दिल्ली : नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री मोदी के बहुप्रतीक्षित भाषण पर जहाँ विपक्ष हमला बोलने से बाज़ नही आया वहीँ सरकार के कई केंद्रीय मंत्री राष्ट्र के नाम सन्देश खत्म होते ही अंग्रेजी चैनल में छा गए. एनडीटीवी से लेकर टाइम्स नाउ और न्यूज़ 18 से लेकर इंडिया टुडे पर मोदी के मंत्री अप्रत्याशित तौर पर बहस करने के लिए कैमरे के आगे खड़े हुए.
सूत्रों के मुताबिक अंग्रेजी चैनलों पर अलग अलग विचारधारा के अर्थशास्त्री मोदी के राष्ट्र के नाम सन्देश की खुली आलोचना करें इससे पहले सरकार के आधा दर्जन मंत्री स्क्रीन पर विपक्ष की काट के लिए सभी तर्क लेकर डट गए.
प्रखर वक्ता एवम कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जहाँ टाइम्स नाउ पर मोर्चा संभाला वहीँ वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण एनडीटीवी के एंकर विक्रम चंद्रा को मोदी के भाषण के गुण बताने लगी. उधर राजदीप सरदेसाई से जुड़े चैनल इंडिया टुडे पर कोयला एवम बिजली मंत्री पियूष गोयल धुआंधार अंग्रेजी में नोटबंदी से हुए देश को फायदा बखान करने लगे. अम्बानी के चैनल में तो मोदी के दो दो मंत्रियों ने प्रचार और प्रसार का जिम्मा सम्भाला . न्यूज़ 18 में एक साथ केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और जीतेन्द्र सिंह सरकार का पक्ष लेकर बहस में शामिल हुए. अमूमन अलग अलग पार्टियों के हल्के प्रवक्ताओं के बीच केंद्र सरकार के मंत्री डिबेट में बहुत कम शामिल होते हैं क्योंकि आजकल टीवी पर बहस का स्तर बेहद सड़क छाप है जहाँ कभी भी प्रोटोकॉल टूट सकता है.
उधर हिंदी चैनलों में केंद्रीय मंत्रियों की जगह बीजेपी की तरफ से रोज़ हर देसी चैनलों पर दिखने वाले चेहरे हमेशा की तरह से आज शाम भी दिखे. बीजेपी के प्रवक्ता विभिन मुद्दों पर ज्यादातर अंदाजे से पार्टी लाइन लेते हैं क्योंकि मंत्रियों की तरह उन्हें कैबिनेट से लेकर सरकारी दस्तावेजों का कम ही ज्ञान रहता है. बहरहाल सरकार आज अंग्रेज़ी तबके तक अपनी बात पहुंचाने और समझाने के लिए नई रणनीति लेकर आयी थी.