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अनुवाद

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जुनून, हौसला और अनुभव ये जीवन की तरक्की के तीन महत्वपूर्ण सूत्र हैं।जुनून आपसे वो भी करवा लेता है, जो आप नहीं कर सकते थे।असंभव को भी संभव कर के दिखाना ये जुनून का काम है।एक विश्वविजयी सम्राट ने कभी अग

बहुत समय पहले की बात है, एक राजा था। एक दिन उसने सोचा, क्यों ने ऐसे जीव-जंतुओं की खोज की जाए जिनकी इस संसार में कोई उपयोगिता ही न हो। उसने अपने दरबारियों से इस बारे में विचार-विमर्श किया।उसने सभी दरबा

जैसा की हम सबको विदित है की विभिन्न बीमारियों में योगासन रोगों को ठीक करने या रोगों से होने वाले कष्टों से आराम दिलाने में सहायक होते हैं।लेकिन यह भी सच है की हर बीमारी में हर एक योगासन नहीं किया जा स

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 योग अभ्यास के कुछ पहलुओं को आपके सामने रखना चाहते हैं जिससे आप सब भी योग अपनाएं और स्वस्थ व सुखी जीवन जीयें।योग शास्त्रों के परम्परानुसार चौरासी लाख आसन हैं और ये सभी जीव जंतुओं के नाम पर आधारित

एक जंगल में एक शेर सो रहा था। अचानक एक चूहा शेर को सोता देखकर उसके ऊपर आकर खेलने लगा। जिसके कारण उछलकूद से शेर की नींद खुल गयी और उसने उस चूहे को पकड़ लिया। चूहा डर से कांपने लगा और शेर से बोला- हे राज

          एक कुम्हार को मिट्टी खोदते हुए अचानक एक हीरा मिल गया। उसने उसे अपने गधे के गले में बांध दिया। एक दिन एक बनिए की नजर गधे के गले में बंधे उस हीरे पर पड़ गई। उसने कुम्ह

नारी तुम श्रद्धा हो, आस्था हो, गरिमा हो, लक्ष्मी हो, तुम्हीं साहित्य, संगीत और कला की देवी सरस्वती हो, उत्तुंग शिखर पर बिखरी स्वर्णमयी आभा हो। तुम्हीं पुरुष के पौरूष का संचालन करने वाली तेजपुंज हो, प्

 शहर से दूर एक घने जंगल में एक आम का पेङ था और एक लंबा और घना नीम का पेङ था | नीम का पेङ अपने पडोसी पेङ से बात तक नहीं करता था उसको अपने बङे होने पर घमंड था | एक बार एक रानी मधुमख्खी नीम के पेड़

अर्ध चंद्रासन : जानिए योग करने का सही तरीका, फायदे और सावधानियांअर्ध का अर्थ आधा और चंद्रासन का मतलब चंद्र के समान किया गया आसन। इस आसन को करते समय शरीर का आकार अर्ध चंद्र के समान हो जाता है, इसलिए इस

 जीभ देखकर किन-किन बीमारियों का पता चल सकता है?.......जीभ मुख के तल पर एक पेशी होती है, जो भोजन को चबाना और निगलना आसान बनाती है। यह स्वाद अनुभव करने का प्रमुख अंग होता है, क्योंकि जीभ स्वाद

स्कीन से जुड़ी बीमारियां भी कई बार गंभीर समस्या बन जाती है। ऐसी ही एक समस्या है एक्जीमा या दाद पर होने वाली खुजली और जलन दाद से पीडि़त व्यक्ति का जीना मुश्किल कर देती है। अगर आपके साथ भी कुछ ऐसा ही है

वाणी के बजाय कार्य से दिए गए उदाहरण कहीं ज्यादा प्रभावी होते हैं। कोरा उपदेश भी तब तक कोई काम नहीं आता जब तक उसे चरितार्थ न किया जाए।प्रत्येक सफल आदमियों में एक बात की समानता मिलती है और वो ये कि उन्ह

कहते हैः- जैसे तिल में तेल समाया रहता है,                   वैसे ही इस जड़ शरीर में चैतन्य का वास है।चैतन्य की शक्ति से ही ये जड़ शरीर,हिलता-डुलता, चलता

बड़ा पहाड़ उतर कर वो शहर तक आया. रेगिस्तानी शहर बहोत फैला हुवा नहीं था लेकिन ठिक ठाक था, वहाँ का राजा एक शिस्त प्रिय सा इंसान था इसलिए उसने राजा बनते ही शहर का सारा कचरा साफ किया, और एक रुका हुवा फैसल

 आवश्यक सामग्रीबादाम 200 ग्राम अखरोट 100 ग्राम काली मिर्च 100 ग्राम बारीक सौंफ 100 ग्राम मिश्री 600 ग्राम ।बादाम को रात को जल में भिगोकर रख दें और प्रात: छिलके निकालकर धूप में

दक्षिण के जंगलों में सांग्रीला नाम का एक कबीला था जिसमें भील जाति के शिकारी लोग रहते थे । इस कबीले का सरदार नाग नाम का भील था जो अपने नाम के अनुसार खूंखार और शक्तिशाली था । धनुर्विद्या में प्रवीण नाग

  सत्यम, शिवम और सुंदरम के बारे में सभी ने सुना और पढ़ा होगा लेकिन अधिकतर लोग इसका अर्थ या इसका भावार्थ नहीं जानते होंगे। वे सत्य का अर्थ ईश्वर, शिवम का अर्थ भगवान शिव से और सुंदरम का अर्थ क

एक बार दरबार में बैठे हुए सम्राट चंद्रगुप्त ने चाणक्य से कहा, “गुरुदेव, काश आप खूबसूरत होते?”चन्द्रगुप्त के ऐसा बोलने पर सारे दरबारी उनकी तरफ देखने लगे। परंतु चाणक्य ने शांत स्वभाव से कहा, ‘राजन, इंसा

विटामिन बी12 शरीर की सभी कोशिकाओं की सक्रियता में बेहद अहम भूमिका निभाता है और शाकाहारियों में इसके कम होने की ज्यादा आशंका होती हैविटामिन बी12 हमारे शरीर की तमाम सेल्स, चाहे वे हमारी चमड़ी में हों, आ

बुरी आदतें भी एक अभिशाप की तरह ही होती हैं, जो धीरे-धीरे किसी भी व्यक्ति के अपयश और अपकीर्ति का कारण बन जाती हैं ।    बुरी आदतों का भी अपना एक नशा होता है। अगर समय से इन्हें रोका न गया

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