न रुकी थी न रुकी है न रुकेगी
तू तो चलती रहे सदा
तुझसे बिछड़ा एक बार जो
कोई फिर है कब मिला
ये वादा है मेरा
जो भी तुझसे लिया है सब
मोड़ जाऊँगा दुनिया
अपने हिस्से का जीके तुझे
छोड़ जाऊँगा दुनिया
अगले पल भी रहूँ न रहूँ
नहीं जानता मैं
पैसा है तो सब कुछ है ये
नहीं मानता मैं
साँसों के थमने से पहले
बन्दे से बन्दे का रिश्ता
जोड़ जाऊँगा दुनिया
अपने हिस्से का जीके तुझे
छोड़ जाऊँगा दुनिया
खेत में जा इक कोने में
मैं चोरी छुपके रोता था
दोपहर में मारा मारा
जिस पेड़ के नीचे सोता था
उसी पेड़ की मिट्टी में
साँसों का मटका
तोड़ जाऊँगा दुनिया
अपने हिस्से का जीके तुझे
छोड़ जाऊँगा दुनिया