वाराणसी से उपेंद्र शुक्ल -: भीड के हिसाब से कहें, तो भीड के लिहाज से चार मार्च को वाराणसी में भाजपा, सपा-कांग्रेस गठबंधन के रोड शो तथा रोहनिया में मायावती की चुनावी सभा के मद्देनजर कोई भी दल एक दूसरे से कम नही था। नतीजतन, नरेंद्र मोदी ही नहीं, अखिलेश-राहुल के भी रोडशो में जनसैलाब उमड पडा था। उसी दिन रोहनिया में मायावती की चुनावी सभा में भीड ठसाठस थी। लेकिन, लोगों को सम्मोहित करने की जो जादुई कला प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी में दिखाई पडी, वह दूसरे किसी में भी नहीं थी। इन तीनों की कला अलग अलग थी। अखिलेश यादव राहुल गांधी और मायावती के जुमले जहां पिटेपिटाये से थे। ये लोग बार बार अपने पुराने जुमले ही दोहरा रहे थे। वहीं दूसरी ओर, नरेंद्र मोदी के अंदाज, हावभाव और भाषण में कुछ और ही बात थी।
मसलन, वाराणसी दक्षिण से लगातार सात बार से विधायक होते चले आ रहे भाजपा के वयोवृद्ध नेता श्यामदेव राय चैधरी का इस बार टिकट काटकर नीलकंठ तिवारी के दिये जाने के प्रकरण को खूब जमकर उछाला था। इससे हर किसी को लग रहा था कि इसे लेकर स्थानीय भाजपाइयों और लोगों में गुस्से का जबरदस्त उबाल है और इसका सियासी खामियाजा भाजपा को भोगना ही पडेगा। लेकिन, उस दिन के सिर्फ एक नजारे से ही ऐसे सारे अटकलों की हवा ही उड गयी। ळुआ यह कि जिस समय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी रुद्राभिषेक के लिये विश्वनाथ मंदिर की ओर जा रहे थे, तो उसी परिसर में हीं उनका जीखोल स्वागत करने के लिये विधायक श्यामदेव राय चैधरी फूलों की माला और बैंडबाजा के साथ खडे हुए थे।
वह मंदिर में जाना चाह रहे थे, लेकिन छत्ताद्वार पर ही एस.पी.जी. और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। इसका विरोध न कर चैधरी साहब चुपचाप वहीं खडे हो पहुंचे गये लगभग डेढ घंटे के इंतजार के बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जब छत्ताद्वार से होकर अंदर जा रहे थे, तो अचानक उनकी नजर अपने इस वयोवृद्ध विधायक पर पडी। इस पर अपनी सुरक्षा का घेरा तोडकर वह उनके पास पहुंचे और बडे प्रेम से उनका हाथ पकड कर अपने साथ ही मंदिर में ले गये। इसके बाद ही बाबा के दरबार में दोनों की खूब बम बम हुई।
मोदी के रोड शो का नजारा ही कुछ और था।इसे आँखों देखा कवरेज करने के लिये यह संवाददाता मोदी के वाहन के पीछे भयंकर भीड से पिसता हुआ चल रहा था। कुछ देर के बाद प्रधान मंत्री का काफिला मदनपुरा पहुंचा।यहां भारी संख्या में मुस्लिम बुनकर रहते हैं। लिहाजा, यहां की सडक दोनों तरफ से बुनकरों से पटी पडी थी। वे लोग प्रधान मंत्री मोदी का दिल खोलकर स्वागत करने के लिए उमड आये थे। घरों की बालकनियों, बारजों और छतों पर भी ठसाठस भरे लोग मोदी पर फूल बरसा रहे थे। यही बुनकरों के संगठन बुनकर बावनी तंजीम की ओर से एक मंच बनाया गया था। इसी जगह पर सरदार मुख्तार महतों अपने सांसद नरेंद्र मोदी का स्वागत करने के लिये गुलाब के फूलों का बडा सा गुलदस्ता और शाल लिये हुए खडे थे।
इसी दौरान वहां से होकर गुजर रहा मोदी का काफिला कुछ आगे बढ गया था। इसी बीच प्रधान मंत्री की नजर अचानक सरदार मुख्तार पर पड गयी, तो उन्होंने तुरंत इशारे से अपनी कार रुकवा कर उनकी ओर मुखातिब हुए। मोदी ने उनसे गुलदस्ता और शाल लेकर उसे बडे आदर और प्रेम से अपने माथे और सिर से लगाया। इसके बाद ही उनका काफिला आगे बढा। रास्ते में मुस्लिम बहुल बस्ती सोनारपुरा में मुस्लिम महिलाओं ने उन्हें भगवा रंग का शाल, फूलों के गुलदस्ते और एक पत्र भी दिया। इसमें कहा गया था कि इस क्षेत्र की 35 हजार मुस्लिम महिलाएं आपके साथ हैं। एक अन्य स्थान पर मुस्लिम महिलाओं ने उनकी आरती उतारी तथा मुसलमानों के सिया समुदाय ने उनका भव्य स्वागत किया।
उसी दिन टाउनहाल में अपनी जनसभा को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी सबसे पहले बनारसी बोली में ही अपना भाषण शुरू किया। उन्होंने कहा कि ‘हमारे साथ जोर से बोलो-हर हर महादेव। इसके बाद उन्होंने ठेठ बनारसी अंदाज में कहना शुरू किया कि ‘एहिजा उपस्थित सब लोगन के प्रणाम बा। हम अइली ह बाबा विश्वनाथ दर्शन करके फिर से सौभाग्य मिलन हव और ई दोनों सौभाग्य आप लोगन के आशीर्वाद से प्राप्त भइल हव। ऐसी काशी के सब गुरुदेवन के हमारे प्रणाम बा।‘ मोदी के इतना कहते ही ‘हर हर मोदी-हर हर महादेव‘ के गगनभेदी नारों से पूरा माहौल कहीं ज्यादा भगवामय हो गया। UPकी खबरों के लिए संपर्क करे -:9889991111