नई दिल्लीः बसपा संस्थापक काशीराम भले ही जिंदा न हों मगर पार्टी के लिए अब भी बहुत काम के हैं। उनकी 10 वीं पुण्यतिथि के बहाने ही पार्टी इस साल भी मोटा माल अर्जित करने जा रही है। पूरे 80 करोड़ की धनवर्षा नौ अक्टूबर को मायावती के खजाने में होगी। चौकिए मत, आसमान से यह पैसा नहीं बरसने जा रहा, बल्कि मायावती ने पार्टी के बैनर पर चुनाव लड़ने जा रहे नेताओं की जेब से यह पैसा निकलवाने की तैयारी की है। पूर्वांचल की तीन सीटों पर विधानसभा प्रभारी घोषित नेताओं ने इंडिया संवाद से अनौपचारिक बातचीत में काशीराम जयंती के बहाने मायावती की ओर से चंदा वसूले जाने की सूचना दी है। उधर भाजपा प्रवक्ता आईपी सिंह ने तो लिखित में कह दिया है कि मायावती अपने नेताओं से काशीराम के बहाने चंदा उगाही में व्यस्त हैं।
टिकट बचाना है तो 20-20 लाख दो चंदा
बसपा सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर इंडिया संवाद को बतया कि नौ अक्टूबर को काशीराम की पुण्यतिथि के आयोजन के खर्च के नाम पर सभी विधानसभा प्रत्याशियों से 20-20 लाख रुपये मांगे गए हैं। कहा गया है कि जो 20 लाख रुपये नहीं जमा करेगा, उसका टिकट काटकर किसी दूसरे को दे दिया जाएगा। पैसा वसूलने की जिम्मेदारी बसपा ने अपन जोनल कोआर्डिनेटर को सौंपी है। जो कि अपने जिला प्रभारियों के जरिए बसपा प्रत्याशियों से पैसे जुटा रहे। अगर सूबे की 403 सीटों के प्रत्याशियों की ओर से 20-20 लाख चंदा बसपा मुखिया मायावती को दिया गया तो कुल 80 करोड़ 60 लाख से ज्यादा रुपये होते हैं।
22 ट्रेनें बुक करने को माया का निर्देश, सारा खर्च उठा रहे नेता
लखनऊ में काशीराम स्मारक स्थल पर आयोजित काशीराम की श्रद्धांजलि सभा में करीब पांच लाख की भीड़ जुटाने की तैयारी है। बसपा मुखिया के निर्देश पर पूर्वांचल, पश्चिमी यूपी और बुंदेलखंड से भीड़ लाने के लिए 22 ट्रेनें बुक कराने का निर्देश दिया गया। मगर रेलवे ने सिर्फ 19 ट्रेन दे पाने की स्थिति में खुद को बताया। वैसे तो पार्टी फंड से रैली के लिए ट्रेन बुक होने का खर्च होना चाहिए। मगर बसपा मुखिया ने अपने राज में मलाई काटने वाले मंत्रियों को इनका जुगड़ करने को कहा। इस पर बसपा के बड़े नेताओं ने फिर से चंदे के जरिए पैसा जुटाकर ट्रेनें भी बुक कराई हैं। कहने का मतलब बसपा से चुनाव लड़ने की तैयारी करने वाले प्रत्याशियों की जेब से एक बार चंदा निकल रहा है तो दूसरी तरफ ट्रेन का भाड़ा।
भीड़ बनेगा प्रत्याशी की काबिलियत का पैमाना, हर विधानसभा से पांच हजार की भीड़
बसपा मुखिया मायावती ने विरोधियों को काशीराम की पुण्यतिथि पर आयोजित रैली से जवाब देने की तैयारी है। जवाब तभी दे पाएंगी जबकि भारी भीड़ जुटेगी। इसके लिए माया ने जोनल कोआर्डिनेटर के जरिए पार्टी के विधानसभा प्रभारियों को फरमान जारी कराया है कि वे कम से कम पांच हजार लोगों को लखनऊ लाएंगे। पांच लाख भीड़ जुटेगी तभी सपा, कांग्रेस और भाजपा में बेचैनी बढ़ेगी। कौन कितनी भीड़ लाता है, इसकी समीक्षा भी जिला प्रभारियों के हवाले होगी। अगर जो फेल होगा भीड़ लाने में तो उसके टिकट पर कैंची चल जाएगी।