shabd-logo

करामाती चादर

28 अगस्त 2022

24 बार देखा गया 24
करामाती चादर  
एक समय की बात है । गोलू नाम का एक बच्चा था । वह बहुत ही शरारती और चतुर था । पर पढ़ने में उसका मन नही लगता था । उसे कितना ही बाहर दोस्तो के साथ खेला लो उसका मन वही लगता था । हर समय बस खेलने की बात करता था । गोलू के माता पिता भी बहुत ही परेशान थे । कि गोलू आगे क्या करेगा । उसकी बुआ ने उसे एक चद्दर उपहार में दी थी जो उसे बहुत पसंद थी । जिसे ओढ़कर वह रोज सोता था। जब भी कही बाहर जाता तो उस चादर को छुपाकर जाता । इसका कारण यह था  वह जैसे ही चादर औढ़कर सोता बस रंग बिरंगी सपनो की दुनिया में में खो जाता था ।वो जो भी सपने में देखता वो  सब उसकी इच्छाएं धीरे धीरे  पूरी हो जाती । वो भी समझ गया था कि जो भी उसके साथ हो रहा है वो इस चादर के कारण ही हो रहा है । इसीलिए वो हमेशा चादर को अपने समीप ही रखता था । और  रोज नए नए सपने देखता था । कभी खेलने के तो कभी बहुत बड़ा आदमी बनने के सपने  सोनू को सारे सपने हकीकत और सत्य लगने लगे थे। उसके माता पिता उसकी हर इच्छा की पूर्ति के लिए तैयार थे । वो जो भी सपने में देखता । उसी वस्तु को घर में पाता जिससे   बाहर के काम से भी जी चुराने लग गया था । बस सपनो की दुनिया में रहने की आदत सी हो गई । दोस्तो से मिलकर सपने में होने वाली सारी बाते बताता । इन सभी बातो की वजह से दोस्त भी उसका  मजाक बनाते और उसे चिढ़ाते थे। वह मन ही मन ही खुश होता जाता । फिर खाना खाकर सो जाता । जिससे उसका मन धीरे धीरे पढ़ाई से हटता गया । दिनचर्या भी बिगड़  गई थी। । जब परीक्षा का परिणाम आया तो वो फेल हो गया। परंतु उसके चहेरे पर शिकन न थी ।  क्युकि उसे चादर पर अति विश्वास हो गया था इसीलिए फेल होने का कोई पछतावा नहीं था । बस सोना और सपने देखना और दोस्तो के साथ मटरगस्ती करते रहता । यही उसकी आदत बन चुकी थी।  और सपने देखते देखते वो सातवे आसमान पर पहुंच जाता । एक दिन जब  गोलू  घर से बाहर गया तभी वहा पर एक बर्तन बेचने वाली आई जो फटे पुराने कपड़ा लेकर कुछ बर्तन देती थी । तभी वह गोलू की मां के पास आई और फटे पुराने कपड़े देने की बात कही । गोलू की मां ने उसे वही बैठाया और फटे पुराने कपड़े इकट्ठे करने के लिए अंदर चली गई । गोलू की मां कुछ कपड़े लेकर आई जिसमे गोलू की वो पुरानी चादर भी थी । जिसको रोज औड़कर सोता था । गोलू की मां ने सारे कपड़े बर्तन वाली को दे दिए । बदले में कुछ बर्तन ले लिए । बर्तन वाली चली गई । गोलू की मां ने गोलू के पलंग पर नई चादर रख दी । गोलू जब खेलकर घर आया । तो उसके कमरे में वो चादर नही दिखी वह बड़ा उदास हुआ ।  उसने खाना भी नही खाया ।  मां से चादर के बारे में पूछने लगा  । मां ने बताया कि वो चादर बहुत पुरानी हो चुकी थी । और फट भी गई थी । इसीलिए आज बर्तन वाली को दे दी । बदले में कुछ नए बरतन ले लिए ।
नींद भी ठीक से नही आई। जब आंख लगी तो  उसे उस रात कोई स्वप्न नही आया ।जब उसे कोई स्वप्न नही आया तो उसका सारा भ्रम टूट गया । सुबह उठकर उसने अपनी मां को सारी बात बताई । मां ने सोनू को समझाया कि बेटा ऐसा कुछ नही है । सपने देखना बुरी बात नही परंतु सपनो पर निर्भर हो जाना बुरी बात है । फिर सोनू को सारी बात समझ आई। और वह  सुबह जल्दी ही उठकर स्कूल जाने के लिए तैयार हुआ । स्कूल गया तो उसे ये भी अहसास हुआ की जो उसके दोस्त उसके साथ पढ़ते थे वो आगे निकल गए । वो एक कक्षा पीछे रह गया । घर आया उसने सोचा अगर  मै चादर पर निर्भर नहीं रहता तो मेरे दोस्तो के साथ पढ़ाई करता और पास हो जाता। उसे अपनी भूल का अहसास हो चुका था ।  और अब वो पढ़ाई करने लगा। रात को देर रात तक रोज पढ़ाई करने लगा 
अब सोनू रोज स्कूल जाने अच्छी तरह से पढ़ाई करने लगा । अब उसको समझ आ गया था की जो चादर ओढ़कर वो सोता था । वो उसे सपनो की दुनिया में ले जाती और उसे कुछ नहीं करने देती और सिर्फ खेलने के लिए प्रेरित करती थी । अब उसका सिर्फ पढ़ाई से वास्ता था । धीरे धीरे उसने इस वर्ष की परीक्षा भी पास कर ली ।
उसके माता पिता भी बहुत प्रसन्न थे। 
कहानी से ये शिक्षा मिलती हैं कि सपने देखने से कुछ हासिल नहीं होता । चादर तो एक प्रतीक मात्र थी । वो सपनो की दुनिया में ही रहने लगा था। 
 अगर करना है कुछ काम ,उसके लिए मेहनत करना जरूरी है । हर चीज पर भाग्य के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए।
लेखक पवन कुमार शर्मा कवि कौटिल्य
12
रचनाएँ
प्रेरक बाल कथाएं
0.0
सुख और दुख एक गांव में एक ब्राह्मण रहता था । रोज मंदिर में भगवान की पूजा कर और आस पास के गांव में भिक्षावृत्ति कर अपना व परिवार जीवन यापन करता था । इतना ही कमा पाता जिससे जीवन का गुजारा हो जाए । उसकी पत्नी हमेशा उसे ताना देती रहती की तुम इतनी भगवान की सेवा करते हो फिर भी हम लोग इतने गरीब है । हम कैसे अपने परिवार का गुजारा कर पाएंगे । तब भी ब्राह्मण हंसकर पत्नी को कहता की तुम चिंता न करो सब ईश्वर देख रहा है । सब अच्छा ही होगा । पंडित जी एक पुत्र था । जो बड़ा समझदार और ईमानदार था । उसका नाम वासु था । बस वासु को अलग अलग ग्रंथ और किताबे पढ़ने का शौक था । वो पिता की आर्थिक स्थिति जानता था । इसीलिए अपने बाहर जाकर पड़ने की बात करने में थोड़ा शर्माता था । तभी एक दिन गांव में कुछ पुजारी और पंडित आए । वो सब काशी विद्यापीठ जा रहे थे । उनकी भेंट वासु से हुई जब तक वो गांव में रुके उनकी वासु ने खूब सेवा की और उनके गुरुजी वासु के काम से बहुत प्रेरित हुए । उन्होंने वासु से कहा की कल अपने पिताजी को लेकर आना । गुरुजी के कहे अनुसार वो पिताजी को लेकर आया । पिताजी से गुरुजी ने वासु को अपने साथ काशी ले जाकर ज्योतिष की पढ़ाई करने की बात कही । पिताजी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी । उन्होंने सोचा और गुरुजी से कहा की अगर ईश्वर को ऐसी ही मर्जी है तो आप वासु को ले जाइए । फिर क्या था वासु को गुरुजी पढ़ाने के लिए बनारस ले गए । वासु भी वेदों और पुराणों ,ग्रंथो के अध्ययन में लग गया । समय बीतता चला गया । जब वासु अपने गांव वापस आया तो बहुत अच्छा पंडित बन गया था । दूर दूर से लोग अपनी परेशान और कुंडली लेकर आते थे । ज्योतिष के माध्यम से और अपनी बुद्धिमता से सभी की परेशानी का का समाधान करने लगा । तभी ये बात वहा के राजा को पता चली वो भी वासु के पास कुछ समस्या के समाधान के लिए आए । वो वासु के ज्ञान से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपनी पुत्री का विवाह का प्रस्ताव वासु के पिता के सामने रखा । पिता भी मान गए और खुशी खुशी दोनो की शादी हो गई । पंडित जी का परिवार खुशी खुशी रहने लगा । इस कहानी का भावार्थ यह है कि ईश्वर जो करता है । अच्छा करता है ।
1

करामाती चादर

28 अगस्त 2022
0
0
0

करामाती चादर एक समय की बात है । गोलू नाम का एक बच्चा था । वह बहुत ही शरारती और चतुर था । पर पढ़ने में उसका मन नही लगता था । उसे कितना ही बाहर दोस्तो के साथ खेला लो उसका मन वही लगता था । हर

2

बौना पिंकू

28 अगस्त 2022
0
0
0

एक समय की बात है । एक गांव में पिंकू और उसका परिवार रहता था । पिंकू जब पैदा हुआ था तब ही थोड़े दिन बाद ही डॉक्टर ने उसके माता पिता को उसकी शारीरिक कमी के बारे में बता दिया था । कि आपके बच्चे की शारीरि

3

गुड़िया का गुलाब

28 अगस्त 2022
0
0
0

कहानी शीर्षक गुडिया का गुलाब एक समय की बात है । एक गांव में गुड़िया का परिवार रहता था । गुड़िया के पापा कही शहर में नौकरी करते थे । रोज शहर में उनका आना जाना था । एक दिन जब वह शहर से आ रहे थे तभ

4

गर्मी की छुट्टियां

28 अगस्त 2022
0
0
0

सभी बच्चे गर्मियों की छुट्टियों में घूमने जाने की जिद करते है । माता पिता भी उनकी जिद को मान लेते है । घूमने जाने का कार्यकम बनाते है । सभी मिलकर तय करते है इस बार हम सभी अमरनाथ की यात्रा पर चलेंगे ।

5

हिम्मत की कीमत

28 अगस्त 2022
0
0
0

एक समय की बात है । सुदूर दक्षिण में समुद्र किनारे एक छोटा सा गांव था । वहा के सभी लोगो का व्यवसाय समुद्र पर ही निर्भर था । रोज सुबह मछुहारे समुद्र में सुदूर अपनी नावों को लेकर मछली पकड़ने के लिए निकल

6

बड़ो की सीख

28 अगस्त 2022
0
0
0

मुगल शासक रोज अपने दरबार में जाया करता था । रोज अपने दरबारियों से राज काज के बारे बातचीत करता और किसी भी नए कार्य को कियान्वयन पर विचार विमर्श करता । अकबर के नौ रत्न भी दरबार में ही अकबर के साथ बैठे

7

कुल्फी वाला

28 अगस्त 2022
0
0
0

**कुल्फी वाला**बात कुछ समय पूर्व की है । राजस्थान एक के छोटे से कस्बे में गर्मियों के दिनों में बाहर किसी पड़ोसी शहर से एक कुल्फी वाला कुल्फी बेचने आता था । जैसे ही उसकी आवाज और उसकी कुल्फी के ठेले पर

8

ईश्वर पर विश्वास

28 अगस्त 2022
0
0
0

एक समय की बात है । जहांपनाह अकबर अपने दरबार में बैठे हुए थे । सारे दरबार और खास सिपेसलाह भी साथ बैठे थे । सभी से आलमगीर अपने राजकार्य का हाल चाल पूछ रहे थे । और विचार विमर्श चल रहा था । सभी अचानक एक द

9

होलिका दहन की कथा

28 अगस्त 2022
0
0
0

एक शहर में एक व्यापारी रहता था । उसकी पत्नी भी नौकरी करती थी । उनके एक लड़का था जिसका नाम पिंटू था । पिंटू पढ़ाई में अच्छा पढ़ने वाला बच्चा था । परंतु माता पिता की कार्य में अधिक व्यस्त होने के कारण

10

गुदड़ी के लाल

28 अगस्त 2022
0
0
0

*असली गुदड़ी के लाल* आज एक कहानी लेकर आया हूं , वो यथार्थ के चित्रण का करती है ।हम और आप के आस पास ऐसे कई उदाहरण मिल जायेंगे जो आने वाली पीढ़ी के लिए एक आदर्श बन जाते है । ओर लोगो की सोच बदलने

11

कर भला हो भला

28 अगस्त 2022
0
0
0

एक समय की बात है । एक शिकारी था । जानवरों का शिकार करना यही उसके जीविकोपार्जन का साधन था । यही उसकी दैनिक दिनचर्या थी । एक बार शिकारी जंगल में गया शिकार की तलाश करते करते करते उसे एक हाथी दिखाई दिया ।

12

जमींदार का सबक

28 अगस्त 2022
0
0
0

जमीदार का सबक एक समय की बात है । किसी गांव में एक जमीदार रहता था । जमीदार के पास बहुत सी जमीन थी । खूब नौकर चाकर काम करते थे । जमीदार बहुत बुद्धिमान और नेक इंसान था । परंतु उसके दो पुत्र थे। दोनो

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए