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बौना पिंकू

28 अगस्त 2022

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एक समय की बात है । एक गांव में पिंकू और उसका परिवार रहता था । पिंकू जब पैदा हुआ था तब ही थोड़े दिन बाद ही डॉक्टर ने उसके माता पिता को उसकी शारीरिक कमी के बारे में बता दिया था । कि आपके बच्चे की शारीरिक वृद्धि रुक जायेगी । और ऐसा ही हुआ उसकी उम्र बढ़ रही थी । परंतु कद काठी नही बढ़ रही थी । वो बौना ही रह गया था । उसके माता पिता ने शहर के सभी डॉक्टर को दिखाया पर किसी का इलाज काम न आया । अंत में उन्होंने भी हार मान ली । और ईश्वर की यही इच्छा है यह मानकर समय गुजार रहे थे । समय बीता पिंकू की उम्र भी बढ़ रही थी । पिंकू भी अपने कद को देखकर बहुत उदास होता और कभी कभी तो रोने लगता । उसके माता पिता भी ये देखकर बहुत दुखी होते । पिंकू के माता पिता ने सोचा कि पिंकू का दाखिला गांव के किसी स्कूल में करवा दे तो उसका भी स्कूल में मन लगा रहेगा । एक दिन उसको माता पिता स्कूल लेकर चले गए । वहा सभी छात्र उसको देखकर घूरते रहे और हसने लगे । तभी मास्टर जी ने सभी छात्रों को डाटा । और मास्टर जी पिंकू और उसके माता पिता को स्कूल के कार्यालय में लेकर गए । मास्टर जी ने उसका दाखिला स्कूल में कर लिया । उसके माता पिता थोड़े खुश हुए । परंतु पिंकू अभी भी उदास और घबराया हुआ था । वो डर रहा था कि सभी बच्चे उसके साथ मजाक करेंगे कोई उसके साथ खेलेंगे भी नही । तब भी वह मन को मारकर स्कूल गया । ऐसा ही हुआ । सभी बच्चों ने उसका खूब मजाक बनाया । कोई उसके साथ खेलने को भी तैयार नहीं था । वह चुपचाप अकेला ही अपनी कक्षा में बैठकर सभी बच्चों को खेलता और बाते करके देखता और रोता रहता । फिर मास्टर जी आते और उसे दिलासा देकर चुप करवाते । कुछ दिन पिंकू स्कूल गया । फिर थोड़े दिन बाद स्कूल जाने के नाम से कतराने लगा । उसी बीच बीमार भी हो गया । बहुत दिनों तक स्कूल भी नही गया । उसने माता पिता को सारी बात बता दी कि उसका स्कूल में मन नहीं लगता । जितना हो सकेगा वो घर पर पढ़ाई कर लेगा । उसके माता पिता भी उसकी बात मान गए । अब पिंकू घर में ही अपने कमरे में रहने लगा । 
एक दिन एक मदारी गांव में आया । वो गांव गांव जाकर अपना मजमा लगाता और लोगो और बच्चो को खेल दिखाता था । उसके पास छोटे छोटे दो बंदर और बंदरिया का जोड़ा था । जो करतब दिखाता । कभी रस्सी पर चलकर कभी डमरू की आवाज पर नाचकर सभी दर्शकों का मनोरंजन करता । मदारी की जो भी कमाई होती उससे वह अपना और बंदरों का गुजारा कर लेता । तभी मदारी पिंकू के मोहल्ले आया उसने अपना डमरू बजाया । तभी पिंकू के मन में मदारी के करतब देखने की इच्छा जागी । पिंकू ने मां को बताया तो मां भी खुश हुई और पिंकू को मदारी का खेल देखने ले गई । पिंकू ने सारा खेल देखा बंदर और बंदरिया को रस्सी पर चलते देख पिंकू ने भी बहुत ताली बजाई । उस दिन उसके चहेरे पर अलग ही खुशी थी । ये सब देखकर उसकी मां भी बहुत खुश हुई । मदारी का खेल खत्म हो चुका था । सारी भीड़ मदारी को इनाम देकर अपने घर जा चुके थे । परंतु पिंकू और पिंकू की मां अभी भी वही खड़े थे । मदारी अपना सामान समेट ही रहा था कि पिंकू की मां मदारी के पास आई उन्होंने पिंकू के बारे में सारी बात बताई । और मदारी से कहा यदि आप पिंकू को अपने साथ रखे और इसे ये सभी करतब सिखाए तो जीवन में इसके आगे बढ़ने का कोई रास्ता तो मिल जायेगा । और ये अपना भरण पोषण कर पाएगा । पिंकू की भी यही इच्छा थी । वो भी मन ही मन यही सोच रहा था । मदारी ने थोड़ा सोचकर पिंकू की मां की बात स्वीकार कर ली । पिंकू को अपने साथ लेकर जाने और करतब सीखने को तैयार हो गया । पिंकू भी बहुत खुश था । अब मदारी पिंकू को अपने साथ हर खेल में साथ रखने लगा । पिंकू को भी उसके इच्छा अनुसार काम मिल गया । वह रस्सी पर चलना ,रिंग में से निकलना और बाकी सभी करतब सीख गया । पिंकू के करतब देखकर सारी भीड़ बहुत ताली बजाती और उसे इनाम देती । समय बीतता गया पिंकू अब सब करतब सीख गया । खुद से ही सारे करतब करने लगा लोगो की वाह वाही लेने लगा । थोड़े दिन बाद मदारी पिंकू को लेकर उसके घर आया । पिंकू बड़ा खुश था । मदारी ने उसको सारे करतब सीखा दिए थे । मदारी ने उसके माता पिता को कुछ पैसे दिए कि ये पिंकू का इनाम है । जो उसने करतब दिखा कर दर्शकों से इनाम के रूप में प्राप्त किए है । मदारी बोला जब भी पिंकू की इच्छा हो तब मेरे साथ काम करने आ जाए मैं इसे अपने साथ रख लूंगा । मै अभी दूसरी जगह करतब दिखाने जा रहा हु। पिंकू अपने माता पिता को करतब दिखाने लगा । माता पिता और पिंकू बहुत खुश थे । तभी अचानक पास ही शहर में एक प्रसिद्ध सर्कस आया । पिंकू के माता पिता भी उसको सर्कस दिखाने ले गए । पिंकू ने देखा की यहां पर जो कलाकार करतब करते है वो सब पिंकू जानता है । पिंकू के माता पिता सर्कस के मालिक से मिले और पिंकू को सर्कस में भर्ती करने की बात कही । सर्कस के मालिक ने पिंकू के करतब के बारे सुन अपनी रजामंदी दे दी । अब पिंकू सर्कस में ही रहने लगा । अपने नए नए करतब से दर्शकों का खूब मनोरंजन करता । पिंकू ने धीरे धीरे अपने करतब से दर्शकों के दिलो में जगह बना ली । सभी दर्शको की जुबां पर बौने पिंकू का नाम से रहने लगा। जैसे ही सर्कस शुरू होता दर्शक करतल ध्वनि से पिंकू का स्वागत करते । उसके करतब देख दांतो तले उंगली दबा लेते । खूब खुश होते ताली बजाते । बच्चों का तो सर्कस का सबसे प्यारा हीरो बन चुका था पिंकू । सर्कस का मालिक भी उसके करतब को देखकर बहुत खुश था । और पिंकू के काम का उचित मेहनताना देता । समय निकलता गया । पिंकू के पास काम और पैसा दोनो बहुत थे। सबसे बड़ी बात ये है कि उसका बौनापन कभी उसके कभी भी उसके काम के बीच नही आया। सर्कस में आने के बाद उसका जीवन ही बदल गया ।
इस कहानी से ये सीख मिलती है । कि अपनी कमजोरी को अपने ऊपर हावी मत होने दो , हो सकता है एक रास्ता बंद है तो दूसरा खुल जाता है । आप में यदि हुनर है तो कद काठी मायने नहीं रखती । अपने आप को उस क्षेत्र में लाओ जिसमे आपका मन लगता हो । जैसा पिंकू ने किया । और सफलता के शिखर कर छुआ। इंसान की कमजोरी ही उसे ताकतवर और सफल बनाती है ।
पवन कुमार शर्मा 
कवि कौटिल्य
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रचनाएँ
प्रेरक बाल कथाएं
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सुख और दुख एक गांव में एक ब्राह्मण रहता था । रोज मंदिर में भगवान की पूजा कर और आस पास के गांव में भिक्षावृत्ति कर अपना व परिवार जीवन यापन करता था । इतना ही कमा पाता जिससे जीवन का गुजारा हो जाए । उसकी पत्नी हमेशा उसे ताना देती रहती की तुम इतनी भगवान की सेवा करते हो फिर भी हम लोग इतने गरीब है । हम कैसे अपने परिवार का गुजारा कर पाएंगे । तब भी ब्राह्मण हंसकर पत्नी को कहता की तुम चिंता न करो सब ईश्वर देख रहा है । सब अच्छा ही होगा । पंडित जी एक पुत्र था । जो बड़ा समझदार और ईमानदार था । उसका नाम वासु था । बस वासु को अलग अलग ग्रंथ और किताबे पढ़ने का शौक था । वो पिता की आर्थिक स्थिति जानता था । इसीलिए अपने बाहर जाकर पड़ने की बात करने में थोड़ा शर्माता था । तभी एक दिन गांव में कुछ पुजारी और पंडित आए । वो सब काशी विद्यापीठ जा रहे थे । उनकी भेंट वासु से हुई जब तक वो गांव में रुके उनकी वासु ने खूब सेवा की और उनके गुरुजी वासु के काम से बहुत प्रेरित हुए । उन्होंने वासु से कहा की कल अपने पिताजी को लेकर आना । गुरुजी के कहे अनुसार वो पिताजी को लेकर आया । पिताजी से गुरुजी ने वासु को अपने साथ काशी ले जाकर ज्योतिष की पढ़ाई करने की बात कही । पिताजी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी । उन्होंने सोचा और गुरुजी से कहा की अगर ईश्वर को ऐसी ही मर्जी है तो आप वासु को ले जाइए । फिर क्या था वासु को गुरुजी पढ़ाने के लिए बनारस ले गए । वासु भी वेदों और पुराणों ,ग्रंथो के अध्ययन में लग गया । समय बीतता चला गया । जब वासु अपने गांव वापस आया तो बहुत अच्छा पंडित बन गया था । दूर दूर से लोग अपनी परेशान और कुंडली लेकर आते थे । ज्योतिष के माध्यम से और अपनी बुद्धिमता से सभी की परेशानी का का समाधान करने लगा । तभी ये बात वहा के राजा को पता चली वो भी वासु के पास कुछ समस्या के समाधान के लिए आए । वो वासु के ज्ञान से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपनी पुत्री का विवाह का प्रस्ताव वासु के पिता के सामने रखा । पिता भी मान गए और खुशी खुशी दोनो की शादी हो गई । पंडित जी का परिवार खुशी खुशी रहने लगा । इस कहानी का भावार्थ यह है कि ईश्वर जो करता है । अच्छा करता है ।
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करामाती चादर

28 अगस्त 2022
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करामाती चादर एक समय की बात है । गोलू नाम का एक बच्चा था । वह बहुत ही शरारती और चतुर था । पर पढ़ने में उसका मन नही लगता था । उसे कितना ही बाहर दोस्तो के साथ खेला लो उसका मन वही लगता था । हर

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बौना पिंकू

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एक समय की बात है । एक गांव में पिंकू और उसका परिवार रहता था । पिंकू जब पैदा हुआ था तब ही थोड़े दिन बाद ही डॉक्टर ने उसके माता पिता को उसकी शारीरिक कमी के बारे में बता दिया था । कि आपके बच्चे की शारीरि

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गुड़िया का गुलाब

28 अगस्त 2022
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कहानी शीर्षक गुडिया का गुलाब एक समय की बात है । एक गांव में गुड़िया का परिवार रहता था । गुड़िया के पापा कही शहर में नौकरी करते थे । रोज शहर में उनका आना जाना था । एक दिन जब वह शहर से आ रहे थे तभ

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गर्मी की छुट्टियां

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सभी बच्चे गर्मियों की छुट्टियों में घूमने जाने की जिद करते है । माता पिता भी उनकी जिद को मान लेते है । घूमने जाने का कार्यकम बनाते है । सभी मिलकर तय करते है इस बार हम सभी अमरनाथ की यात्रा पर चलेंगे ।

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हिम्मत की कीमत

28 अगस्त 2022
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एक समय की बात है । सुदूर दक्षिण में समुद्र किनारे एक छोटा सा गांव था । वहा के सभी लोगो का व्यवसाय समुद्र पर ही निर्भर था । रोज सुबह मछुहारे समुद्र में सुदूर अपनी नावों को लेकर मछली पकड़ने के लिए निकल

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बड़ो की सीख

28 अगस्त 2022
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मुगल शासक रोज अपने दरबार में जाया करता था । रोज अपने दरबारियों से राज काज के बारे बातचीत करता और किसी भी नए कार्य को कियान्वयन पर विचार विमर्श करता । अकबर के नौ रत्न भी दरबार में ही अकबर के साथ बैठे

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कुल्फी वाला

28 अगस्त 2022
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**कुल्फी वाला**बात कुछ समय पूर्व की है । राजस्थान एक के छोटे से कस्बे में गर्मियों के दिनों में बाहर किसी पड़ोसी शहर से एक कुल्फी वाला कुल्फी बेचने आता था । जैसे ही उसकी आवाज और उसकी कुल्फी के ठेले पर

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ईश्वर पर विश्वास

28 अगस्त 2022
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एक समय की बात है । जहांपनाह अकबर अपने दरबार में बैठे हुए थे । सारे दरबार और खास सिपेसलाह भी साथ बैठे थे । सभी से आलमगीर अपने राजकार्य का हाल चाल पूछ रहे थे । और विचार विमर्श चल रहा था । सभी अचानक एक द

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होलिका दहन की कथा

28 अगस्त 2022
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एक शहर में एक व्यापारी रहता था । उसकी पत्नी भी नौकरी करती थी । उनके एक लड़का था जिसका नाम पिंटू था । पिंटू पढ़ाई में अच्छा पढ़ने वाला बच्चा था । परंतु माता पिता की कार्य में अधिक व्यस्त होने के कारण

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गुदड़ी के लाल

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*असली गुदड़ी के लाल* आज एक कहानी लेकर आया हूं , वो यथार्थ के चित्रण का करती है ।हम और आप के आस पास ऐसे कई उदाहरण मिल जायेंगे जो आने वाली पीढ़ी के लिए एक आदर्श बन जाते है । ओर लोगो की सोच बदलने

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कर भला हो भला

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एक समय की बात है । एक शिकारी था । जानवरों का शिकार करना यही उसके जीविकोपार्जन का साधन था । यही उसकी दैनिक दिनचर्या थी । एक बार शिकारी जंगल में गया शिकार की तलाश करते करते करते उसे एक हाथी दिखाई दिया ।

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जमींदार का सबक

28 अगस्त 2022
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जमीदार का सबक एक समय की बात है । किसी गांव में एक जमीदार रहता था । जमीदार के पास बहुत सी जमीन थी । खूब नौकर चाकर काम करते थे । जमीदार बहुत बुद्धिमान और नेक इंसान था । परंतु उसके दो पुत्र थे। दोनो

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