इतिहास पर नजर डाले तो मनुष्य ने इतने युद्ध किये है कि जहाँ पर हर व्यक्ति खड़ा है वहाँ पर किसी ना किसी व्यक्ति की लाश दबी पड़ी है । इतिहास मारकाट लड़ाई गद्दी छिनना हड़पना आदि पर केंद्रित रहा है । जमीन के हर कदम पे लाश ही लाश दबी पड़ी है । एक साथ युद्घ होता था हजारो लोग मारे जाते थे । जो हार जाता या तो वह मरते दम तक युद्ध करता या समर्पण कर देता। यही होता था पिछ्ले शताब्दियों में । धीरे-धीरे बदलाव हुआ सामुहिक युद्घ कम होने लगा । लोग कानून को समझने व डरने लगे नरसहार होना कम हुआ । अब एक आदमी की हत्या के लिये सोचना पड़ता है । अब ना लोग तलवार चला सकते है ना तोप । पिस्तौल से काम करते है । तलवार की जगह बन्दूक ने ले ली । लोग अब छोटे मोटे संगठन बनाने लगे अपने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए । कुछ संगठन अपने उद्देश्यों पर सही ढंग से काम कर रहे है। जब अपने उसूल अनुरुप काम नही करते तो यही संगठन अपने मुख्य मार्ग से भटक जाते है और गलत रास्ता अख्तियार कर लेते है । हिंसा व बल से बात मनवाने का प्रयोग करते है । आतंकवादी व उग्रवादी इन्ही में से एक है जो हिंसा धमाके व लूटपाट करते है ।
युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ़ असम एक आतंकवादी संगठन है जिसे उल्फा के नाम से जाना जाता है ।उल्फा (उल्फ़ा) या यूनाइटेड लिबरेशन फ़्रण्ट ऑफ़ असम (United Liberation Front of Asom) भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम में सक्रिय एक प्रमुख आतंकवादी और उग्रवादी संगठन हैं। सशस्त्र संघर्ष के द्वारा असम को एक स्वतन्त्र राज्य बनाना इसका लक्ष्य है। भारत सरकार ने इसे सन् 1990 में प्रतिबन्धित कर दिया और इसे एक 'आतंकवादी संगठन' के रूप में वर्गीकृत किया है।
7 अप्रैल 1979 को सम्प्रभु समाजवादी असम को स्थापित के उद्देश्य से इस संगठन की स्थापना की गई है ।उल्फा ने अपने को भारत का हिस्सा नहीं माना है ।अपने पहचान के लिए स्वंतत्र रूप से संघर्षरत है ।
1990 से लेकर 2007 तक उल्फा ने कई वारदात व हत्याए की है ।असम में कई अलगाववादी संगठन भी है ।
भारत सरकार ने उल्फा को आतंकवादी संगठनों की श्रेणी में रखा है और प्रीवेंशन एक्ट के तहत उल्फा को प्रतिबन्धित किया है। भारत ने उल्फा के विरुद्ध भारतीय सेना द्वारा संचालित ऑपरेशन बजरंग शुरू किया है।
असम भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में एक है व दिसपुर राजधानी है वहाँ की बोली जाने वाली भाषा असमिया है ।गुवाहटी इनका प्रमुख शहर है । प्राकृतिक रूप से धनी सुरम्य पर्वतो से घिरा चाय का मुख्य उत्पादक स्थान है ।एक सिंग वाला गेंडा भी प्रसिद्ध है ।कामाख्या मंदिर असम की राजधानी गुवाहाटी मे है. यह मंदिर शक्ति की देवी सती का मंदिर है। यह मंदिर एक पहाड़ी पर बना है । झीले व राष्ट्रीय उद्यान भी है ।हमे आतंकवाद से असम को बचाना होगा सही राह लोगो को दिखाना होगा नस्ल जाति पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करना है ।जागरूक रहकर जागरूक करना होगा ।