हम कहाँ से आये है इस सम्बंध में कई विचारधारा
प्रचलित है । पौराणिक कथाओं में इसका वर्णन है डार्विन ने भी आदमी के विकास की गति के सिद्घांत दिए है । इस पृथ्वी पर सभी जीव जंतुओं में मनुष्य ही बुद्धिमान है जिसने आकाश की ऊंचाईओ को छुआ है व पाताल की गहराई को जाना है । विज्ञान की खोज ने मनुष्य को सुख सुविधाएँ प्रदान की है । पहले आदिमानव पैर से चलता व दौड़ता था।फिर पहिये की खोज हुआ पहिए की अविष्कार ने गति प्रदान की गाड़ी bull-cart ने उसकी किस्मत ही बदल दी । धीरे धीरे इंजन से चलने वाले इंजनगाड़ी का अविष्कार हुआ। अविष्कार बढ़ता गया मोटरसाइकिल ,कार ,बस व ट्रेन ने क्रन्ति ला दिया।
ट्रेन के अविष्कार से लोगो को आवागमन व समान ढुलाई में सहूलियत हुई व लम्बा सफर ट्रेन से करने लगे। भारत में पहली ट्रेन 16 अप्रैल 1853 को मुंबई व ठाणे के बीच चली इसकी लम्बाई 34 किमी थी।अब तो कई प्रकार के ट्रेन भारत व संसार भर में उपलब्ध है। सुपर फास्ट ट्रेन ,राजधानी एक्सप्रेस ,शताब्दी ,जन शताब्दी ,गोंडवाना व हमसफर ट्रेन आदि ।
भारत में बुलेट ट्रेन की आधारशिला 14 सितंबर 2017 को प्रधान-मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रखी गई ।यह ट्रेन मुंबई और अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर में चलेगी, जिसका निर्माण सितंबर 2017 में शुरू हुआ था। यह जापान की मदद से 508 किमी लंबी हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर बिल्डिंग है। ट्रेन 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी ।1.10 लाख करोड़ रुपये की परियोजना जल्द ही पूरी होने की सम्भावना है ।
भारत मे कुल 12,617 पैसेंजर ट्रेने है और 7,349 मालगाड़ियों का उपयोग होता है।भारत मे स्टेशनों की संख्या 7000 से 8500 के बीच अनुमानित हैं
देश में सर्वाधिक रोजगार रेल्वे विभाग से मिलता है । लाखो की संख्या में प्रतिदिन यात्रा करते है राजस्व आय भी रेल्वे देश को देता है । बुलेट ट्रेन के चलने से भारत दुसरे देशो की रफ्तार में शामिल हो जायेगा ।निश्चित रूप से जीवन की सफर में यातायात का उपयोग मानव सही कर पायेंगे अन्त में "सभी लोगो की यात्रा सफल व सुखद हो।"