किसी भी देश को चलाने के लिए संविधान की आवश्यकता होती है उसी प्रकार आर्थिक विकास में अर्थव्यवस्था का विशेष महत्व है । किसी भी क्षेत्र में एसी व्यवस्था जो अर्थ पूर्ण हो अर्थव्यवस्था कहलाता है । राष्ट्र की उन्नति अवनति अर्थव्यवस्था पर निर्भर करता है ।अर्थव्यवस्था का व्हील जब घूमता रहता है तब तक राष्ट्र की प्रगति होती रहती है । विद्वानों की परिभाषाएं
अल्फ्रेड मार्शल के अनुसार अर्थशास्त्र जीवन के सामान्य व्यवसाय में मानव जाति का अध्ययन है।
लियोनेल रॉबिंस के अनुसार अर्थशास्त्र वह विज्ञान है जो लक्ष्य और वैकल्पिक उपयोग वाले दुर्लभ साधनों के बीच संबंध के रूप में मानव व्यवहार का अध्ययन करता है।
जॉन मेनार्ड कीन्स के अनुसार अर्थशास्त्र का सिद्धांत एक सिद्धांत के बजाय एक पद्धति है, मन का एक उपकरण, सोचने की एक तकनीक है, जो अपने मालिक को सही निष्कर्ष निकालने में मदद करता है
कई प्रकार की अर्थव्यवस्था है ।कृषि व पशुपालन अर्थव्यवस्था,उध्योग अर्थव्यवस्था, बैंकिंग अर्थव्यवस्था आदि । कृषि अर्थव्यवस्था में देश के समस्त फसल खरीब रबी आते है ।खरीफ फसल अधिकतर मानसून पर आधारित होता है । मानसून समय पर पहुंचने पर बुवाई अच्छी होती है जो फसल के आगे ग्रो करने का संकेत है ।एक देश दुसरे देश को खाद्यान्न आयात निर्यात करता है । हमारे क्षेत्र में जो फसल उत्पादन नही होता वो दुसरे देश से आयात कर पूर्ति कर लिया जाता है ।उसी प्रकार दुसरे देश में ना होने वाले खाद्यान्न हमारे देश द्वारा निर्यात किया जाता है । तभी अर्थव्यवस्था चलेगी । देश के सभी नागरिको तक खाध्यान पहूंचना चाहिए ।पैदावारी में वृद्धि तभी होगी जब संकर किस्म के बीज व तकनीक उपकरणो का प्रयोग होगा।कृषि उत्पादन अधिकता से किसी राष्ट्र की वित्त व्यवस्था मजबूत होगी। कृषि क्षेत्र अर्थव्यवस्था में 2020-21 में 3.6% थी जो 2021-22 में बढ़कर 3.9% होने का अनुमान है ।
पशुपालन अर्थव्यवस्था में दुध पशुओं के मृत चमड़े से अर्थव्यवस्था मजबूत होती है । गाय भैस के नस्ल जो दुध देने में अधिक है उनका पालन करना चाहिए ।
उद्योग अर्थव्यवस्था में कच्चे माल की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में होनी चाहिए ।जिससे उत्पादन होती रहे और उपभोक्ता की माँग बनी रहे ।जितना उत्पादन करेंगे उतना पूँजी प्राप्त होगी।संस्था या कम्पनी मजबूत होगी उसके वर्कर श्रमिक को लाभ मिलेगा ।उद्योग के प्रति मनोदशा सही होगा लोग ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठ काम करेंगे। अर्थव्यवस्था की रफ्तार बनी रहेगी राष्ट्र विकसित होता रहेगा।औद्योगिक क्षेत्र में 2020-21 के दौरान 7 प्रतिशत की विकास दर तेजी से बढ़कर 2021-22 में 11.8 प्रतिशत होने का अनुमान है ।
बैंक एक राष्ट्र के वित्तीय प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । किसी राष्ट्र या संस्था को ऋण दिलाकर उसे वित्तीय सहायता देता है । ऋण लेकर उपयुक्त प्रबंधन कर अपनी साख मजबूत किया जाता है । लाभ मिलने पर किस्त के रूप में चुकाया जाता है ।
भारतीय अर्थव्यवस्था 2020-21 में 7.3% थी जो 2021-22में बढ़कर 9.2% होने का अनुमान है ।
इस प्रकार एक राष्ट्र में अर्थव्यवस्था महत्वपूर्ण स्थान रखता है । अर्थव्यवस्था मजबूत होगी तो देश का विकास होगा ।वहाँ के निवासियों की आय बढ़ेगी ।लोगो का जीवन स्तर ऊँचा होगा।जब जीवन स्तर ऊँचा होगा तो उस ओर कदम बढ़ेगा जो मनुष्य शाश्वत सत्य की खोज लगा रहता है ।