पहले होता था एक राजकुमार
और होती थी राजकुमारी
उत्तराधिकारी होता राजगद्दी का
राजा के बाद संभालते राज सिहाँसन
सभा जब लगते बगल में होती राजकुमारी
सच और झूठ का होता फैसला
कई मुद्दे पर होती बहस
सभी प्रकट करते अपना विचार
प्रजा के हित अहित पर
राजा को आगाह करते
उनके राज में उत्सव होते
लगते व्यापार मेले
सभी चुकाते कर अपने
कभी छिड़ जाते युद्ध तो
प्राण न्योछावर कर जाते
राजा होते शहीद तो
रानी सम्भालते कमान
पुरा दल बल लेकर जाते
बन जाते झांसी की रानी
परंपरा चली ऐसी
दिन बीते युग बिता
अब कमान सम्भालते
जैसे थाईलैंड की राजकुमारियां
महाचक्री ने किया कमाल
दिल जीता देश विदेश
लिया बड़ा सम्मान
अब उबोलरत्ना ने खेली दाव
चुनावी दौड़ में लिया हिस्सा
शाही परिवार का सदस्य कितना
करेगा कमाल अपनी धूमिल छवि
को बदलेगा या दरकिनार
देखे रक्षा थाई चार्ट का कमाल
राजकुमारी का राजनीतक सफर।