पंचमढी मध्यप्रदेश राज्य में होशंगाबाद जिले मे स्थित एक सुंदर सा पर्वतीय क्षेत्र वाला स्थल है। पर्यटक यहाँ घूमने हजारो की संख्या में आते है जिसकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है । हमने सतपुड़ा के घने जंगलों के बारे में सुना व पढा था आज उसे देखने का मौका भी मिल गया । करीब सुबह-सुबह पंचमढी पहुचे रात भर का सफर रहा ।चिल्फी व अन्य पहाड़ियों के बीच से होते हुए आये। उतार व चढ़ाव काफी अधिक है मोड़ भी काफी अधिक है । यू टर्न इतनी अधिक संख्या में है कि बस या कार किसी पेड़ या रॉड से टकराने वाला हो।किसी-किसी का तो सर चकराने लगता है ।आखिरकार हम तेज रफ्तार से पंचमढी पहुच गए ।वहाँ हम लोग हॉटल सुर्यम में ठहरे। वहाँ से तैयार होकर जिप्सी में घुमने गए ।
एक स्थान जिसमें जमुना प्रपात और बी फाल लिखा गया था उस जगह पे गए ।कच्ची रास्ता व पहाड़ो से घिरा यह क्षेत्र कभी उतार है तो कभी चढ़ाव ।जिप्सी कुछ दूरी पर जाकर हमे छोड़ दिया हम लोग वहाँ पैदल चले हमारे पास एक गाइड भी दिया था ।चलते चलते एक छोटा सा झरना दिखा जो ऊपर से नीचे आयताकार स्थिति में गिरता जाता है ।गाइड ने मेरे साथ आने को इशारा किया हम लोग उस स्थान पर बने पुल को लाँघकर आगे बढ़े।कुछ पथरीली रेतीली 50 कदम चलकर गए; वहाँ का सौंदर्य देखते ही बनता था।वह जगह बी फाल था। दुर दुर तक पहाड़ ही पहाड़ नजर आ रहे थे ।नीचे काफी गहराई थी। कोई जीव जन्तु तो नजर नही आ रहे थे। सभी नजारा देखने व सेल्फी लेने में जुट गए । सेल्फी लेने लोगो का भीड़ लग गई ।फिर गाइड ने एक जगह खड़ा होकर सभी को आवाज लगाई लोगो को इकट्ठा किया।फिर उस स्थान के बारे में बताया यह स्थान मधुमक्खियों का गढ़ है इसलिए बी से बचकर रहना । आगे एक जल प्रपात्र है जो नीचे है व उस तक पहुचने के लिए 300 सीढ़ी नीचे उतरनी पड़ेगी सीढ़ी एक जैसे भी नही है । केयर फुल चलना। यह 35 मीटर ऊचा जल प्रपात है इसका निर्माण किसी नदी नालो से नही हुआ है बल्कि पचमढ़ी के चट्टानों एवं पहाड़ों से रिसने वाले पानी से "जमुना जलप्रपात" या "बी फॉल " का निर्माण हुआ है। यह पंचमढी से मात्र 3 किमी की दूरी पर स्थित है । गाइड ने कहाँ बी पी सुगर मधुमेह के रोगी अपने साथ पानी ले जाए व साथी के साथ जाए।उसके इस तरह के निर्देश से कुछ लोग शांत हो गए कुछ साथी डर गए लेकिन सभी लोग नीचे उतरना शुरू किए सीढ़ी तो ठीक है आगे हम लोग बढ़ते गए अन्य पर्यटक जो पहले से जाकर वापस आ रहे थे । बड़े हंस रहे थे। अचानक सीढ़ी अकार में छोटी हो जाती है और जम्पिंग भी है हर सीढ़ी में ऊँचाई है जिससे नीचे उतरते समय थकावट लगती है और जल्दी से उतर नहीं पाते । हम सभी उमंग से आगे बढ़ते गए जैसे-जैसे हम करीब गए जल प्रपात की आवाज सुनाई देनी लगी। हमारी उत्सुकता बढती ही गयी । जो वापस चढ़ रहे थे उसके चेहरे से हम परिचित हो रहे थे सौंदर्य के लिए कितना मेहनत करनी पड़ती है । अंततः हमें वो जल प्रपात् दिखाई दिया जिसके दिदार को तरस रहे थे । कलरव करती हुई चट्टान से टकराती हुई जल तेज आवाज से नीचे गिर रही है । नृत्य करती हुई जलधारा सुंदर लग रही थी । ये जलधारा सीधे नहीं गिरती चट्टान का सहारा लेकर टकराती गिरती है मानो नृत्य कर रही हो ।कई पर्यटक नीचे नहा रहे थे और एन्जॉय कर रहे थे । सेल्फी लेने वाले की कमी नही थी। कभी अपना तो कभी मित्रो की तस्वीर लेने में मगरुर थे। मै कुछ सीढिय़ां ऊपर रहकर यह सब निहार रहा था। मै शांत सीढ़ी के किनारे बैठ गया ।प्रकृति की आवाज सुनने लगा।सहसा मेरी नजर उस बड़े पेड़ पर गयी जो जलप्रपात को देखने बाधा बन रही थी ।देखा तो अचंभित सा रह गया नजर के सामने होते हुए भी मैं नजारे नही देख पा रहा था। वो तो अपना राजा आम का पेड़ है । जंगली खानदान के बीच में आम को पाकर मै गदगद हो गया उसकी विशालता साल के वृक्ष पर भारी पड़ रही थी।मेरी आँख से अश्रु निकलने के करीब हो गया था । मैं बी फाल के संगीत में डूब गया कभी साल के ढके वृक्ष को निहार रहा था तो कभी जल की धारा को तो कभी आम के पेड़ को । आसपास के पेड़ साल वृक्ष के है जो सदा हरे भरे होते है । घंटे भर बाद हम सभी वापसी किए 300 सीढ़ी नीचे उतरे थे 300 सीढ़ी वापस चढ़ेगे । रुक रुककर विश्राम करके वापस चढ़े काफी क्लिष्ट हुआ । ऊपर चढ़कर नीबू शर्बत पिए। बंदर किसी खाने-पीने की वस्तुओं को छीन लेते थे। बैग देखकर आसपास आने लगते है और झपट लेते थे ।