नई दिल्ली : पाकिस्तान में बैठे भारत के सबसे बड़े दुश्मन दाऊद इब्राहिम को अब तक सबसे बड़ा झटका मिला है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सरकार ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम की दुबई में 15 हजार करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली। इसी के साथ भारत सरकार कि वह रणनीति भी सफल हो गई जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने इसी साल अगस्त में अपनी यूएई यात्रा के दौरान बनाई थी।
प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान भारत और यूएई के बीच सुरक्षा को लेकर कई अहम समझौते हुए। इसी दौरान भारत ने यूएई को एक डॉजियर भी सौंपा था। कहा जा रहा है कि इसी डोजियर के आधार पर दुबई में अंडरवर्ल्ड डॉन की सम्पतियों पर शिकंजा कसना शुरू हुआ। भारत के सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने इस डोजियर में दाऊद के खिलाफ जो एक अहम सबूत यूएई को दिया था वह एक ऑडियो टेप था। इस टेप के जरिये ही पहली बार दाऊद की आवाज ख़ुफ़िया एजेंसियों के सामने आयी।
एजेंसियों ने इस टेप को उस वक्त इंटरसेप्ट किया था जब वह डॉन कराची में बैठकर दुबई में अपना कारोबार संभाल रहे जावेद और यासिर से बातचीत कर रहा था। ये दोनों दाऊद के गुर्गे दुबई में उसका में दाऊद का प्रोपर्टी का कारोबार संभालते हैं। इस बातचीत में दाऊद पाकिस्तान से दुबई में कई सम्पतियों की डील करने की बातचीत कर रहा है। इसी बातचीत में ख़ुफ़िया एजेंसियों को संयुक्त अरब अमीरात में दाऊद की कई सम्पतियों का पता चला था।
इन सम्पतियों में कई कंपनियां और होटल भी शामिल थे। प्रधानमंत्री ने अपनी यूएई यात्रा के दौरान इस टेप को बड़े सबूत के आधार पर पेश किया था। इसी टेप के आधार पर पता चला था कि दाऊद पाकिस्तान में ही मौजूद है। जबकि पाकिस्तान इससे हमेशा इनकार करता रहा। टेप में दाऊद को यह कहता भी सुना गया है की 'मैं किसी कोर्ट को नहीं मानता हूं, मैं खुद में ही कोर्ट हूं।
दाऊद इब्राहिम ने पहली बार फोन पर ये कबूल किया कि वो कराची के घर में बैठकर ही दुनिया भर की डील करता आया है। दाऊद की बातों से साफ है कि पाकिस्तान में 20 साल में उस पर सरकारी मेहरबानी ऐसी रही कि वो खुद को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बराबर ताकतवर मानने लगा है।